Ahoi Ashtami Vrat Katha (Vidhi) 2024 PDF download link is now available on this page. यहाँ हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम अहोई अष्टमी व्रत कथा (कहानी) का पीडीएफ प्रारूप प्रदान कर रहे हैं। जिसके मदद से आप आसानी से Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि “अहोई अष्टमी व्रत” को रखा जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का ये व्रत 17 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए रखती है। इस व्रत का हिन्दू धर्म में काफी महत्व होता है, इसमें माता भगवती पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। अहोई माता का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन होता है।
Contents
अहोई अष्टमी व्रत कथा (कहानी) 2024 PDF
Ahoi Ashtami 2024 के दिन माताएँ अपने पुत्रों की भलाई के लिए उषाकाल (भोर) से लेकर गोधूलि बेला (साँझ) तक उपवास करती हैं। साँझ के दौरान आकाश में तारों को देखने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। कुछ महिलाएँ चन्द्रमा के दर्शन करने के बाद व्रत को तोड़ती है। लेकिन इसका अनुसरण करना कठिन होता है, क्योंकि अहोई अष्टमी के दिन रात में चन्द्रोदय देर से होता है। अहोई अष्टमी व्रत का दिन करवा चौथ के चार दिन बाद और दीवाली पूजा से आठ दिन पहले पड़ता है।
करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी उत्तर भारत में ज्यादा प्रसिद्ध है। Ahoi Ashtami का दिन अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह व्रत अष्टमी तिथि, जो कि माह का आठवाँ दिन होता है, के दौरान किया जाता है। करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी का दिन भी कठोर उपवास का दिन होता है और बहुत सी महिलाएँ पूरे दिन जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। आकाश में तारों को देखने के बाद ही उपवास को तोड़ा जाता है।
Ahoi Ashtami Vrat Katha (Vidhi) PDF – Highlights
Name of PDF | अहोई अष्टमी व्रत कथा (कहानी) पीडीऍफ़ (हिंदी में) |
Year | 2024 |
Language | Hindi |
Number of pages | 7 |
PDF Size | 1.16 MB |
Post-Category | General | PDF file |
Source | www.readermaster.com |
Download Links | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi |
अहोई माता पूजा विधि, व्रत कथा पीडीएफ | |
Shree Ahoi Asthmi Calendar 2024 PDF | |
Total downloads | 1249 |
अहोई अष्टमी व्रत कथा की पूरी कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक साहूकार और उसके सात लड़के रहते थे। दिवाली से पहले साहूकार की पत्नि घर की लीपा-पोती के लिए मिट्टी लेने खदान गई। जैसे ही वो खदान में कुदाल से मिट्टी खोदने लगी, उस जगह एक सेह की मांद थी। जो कि कुदाल से मिट्टी खोदते समय सेह के बच्चे को लग गई और सेह का बच्चा मर गया। बच्चे को मरता देख साहूकार की पत्नी को बहुत दुःख हुआ और वह पश्चाताप करती हुई घर लौट आयी। कुछ दिनों बाद उसके एक बेटे का निधन हो गया। फिर अचानक ही उसका दूसरा बेटा भी मर गया, और इस तरह सालभर में उसके सभी सातों बेटे मर गए।
अपने बेटों के जाने के दुख में डुबी महिला ने अपने आस-पड़ोस की महिलाओं को बताया कि उसने कभी भी जान-बूझकर कोई पाप नही कियाै। लेकिन एक बार खदान में मिट्टी खोदते समय अनजाने में उससे एक सेह के बच्चे की हत्या हो गई थी। उसके बाद से ही मेरे सातों पुत्रों की मृत्यु हो गई।
आस-पास की औरतों ने साहूकार की पत्नी से कहा कि यह बात बताकर तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है और साथ ही सलाह दी कि तुम उसी अष्टमी को भगवती पार्वती की शरण लेकर सेह और सेह के बच्चों का चित्र बनाओ और उनकी आराधना करो। उनसे क्षमा-याचना करो। भगवान की कृपा से तुम्हारे सभी पाप नष्ट हो जायेंगे। साहूकार की पत्नी ने ऐसा ही किया और कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को उपवास और पूजा-अर्चना की। इसके बाद, वो हर साल नियमित रूप से ये व्रत रखने लगी। जिसके बाद से उसे अपने सात पुत्रों की प्राप्ति हुई।
अहोई अष्टमी की पूजन विधि – Jai Ahoi Mata Vrat Vidhi
- इस दिन सुबह सवेरे जल्दी उठ जाना चाहिए और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें।
- फिर आठ कोष्ठक की एक पुतली बनाई जाती है। इसे गोबर या चित्रांकन के द्वारा कपड़े पर बनाया जाता है।
- इसके पश्चात, उसके बच्चों की आकृतियां भी बनाई जाती हैं।
- इस दिन माताएं अपने बच्चों के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। जिसके बाद शाम को या प्रदोष काल में उनकी पूजा की जाती है।
- जिस करवे में करवाचौथ के दिन जल भरा जाता है उसी में अहोई अष्टमी के दिन भी जल भरा जाता है।
- इसके बाद, माता की शाम को पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।
- मां को फल, फूल और मिठाई का भोग लगाया जाता है। फिर तारों को करवे से अर्घ्य दिया जाता है।
- व्रत का समापन रात में किया जाता है। फिर अहोई माता की व्रत कथा सुनी जाती है।
- इसके बाद ही अन्न-जल ग्रहण किया जाता है। दीपावली के दिन करवे के जल को पूरे घर में छिड़क दें।
Ahoi Ashtami 2024 Subh Muhurat – शुभ मुहूर्त
- अहोई अष्टमी प्रारंभ तिथि => सोमवार, 17 अक्टूबर 2024 (9:29 AM)
- अहोई अष्टमी तिथि समाप्त => मंगलवार, 18 अक्टूबर 2024 (11:57 AM)
- अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त => 06:40 PM से 07:28 PM
- अवधि (पूजा का समय) => 01 घण्टा 14 मिनट
- तारों को देखने के लिए सांझ का समय => 06:36 PM
- अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय => 12:06 PM (अक्टूबर 18)
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