Govardhan Puja Vidhi 2024 PDF – Vrat Katha (Aarti) Muhurat, गोवर्धन पूजा विधि पीडीएफ

Govardhan Puja Vidhi 2024 PDF – Vrat Katha, Aarti, Muhurat से जुड़ी सभी जानकारी आपको इस पेज पर मिल जाएगी। गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्ण को गोवर्धन नाथ के रूप में पूजने का त्योहार है। कहते हैं कि जो व्यक्ति गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण के इस रूप की पूजा करता है उसके मन के श्रद्धा और भक्ति के भावों में वृद्धि होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर की मानें तो साल 2024 में 26 अक्टूबर, बुधवार के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। गोवर्धन स्तुति २०२४ धनतेरस, दिवाली लक्ष्मी पूजन के अगले दिन मनाया जाता है। इस पर्व को पारंपरिक विधि के साथ हिन्दू समाज में मनाया जाता है। नीचे गोवर्धन पूजा विधि, सामग्री, शुभ मुहूर्त और मंत्र का विवरण देखें।

Contents

Govardhan Puja Vidhi 2024 – Vrat Katha

गोवर्धन पूजा व्रत कथा का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। प्राचीन काल से गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर धारण करने वाले श्री कृष्ण की उपासना की जा रही है। एक बार सभी बृजवासी मिलकर भगवान इंद्र देव की उपासना करने जा रहे थे। उस समय भगवान विष्णु के परमावतार श्री कृष्ण बृज में ही बाल लीलाएं कर रही थे। जब श्रीकृष्ण को इंद्र देव की पूजा के बारे में पता चला तो उन्होंने सभी बृजवासियों से कहा कि आप इंद्र देव की पूजा ना करके गोवर्धन पर्वत की पूजा कीजिए। क्योंकि इस पर्वत की छत्रछाया में ही समस्त बृजवासी सुख से अपना जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।

Govardhan Puja Vidhi 2021 Vrat Katha PDF in Hindi

बृजवासियों को भगवान श्री कृष्ण की यह बात बहुत अच्छी लगी और उन्होंने यह निश्चय किया कि वह अब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को श्री गोवर्धन पर्वत की पूजा किया करेंगें। जब इस बारे में भगवान इंद्र को पता चला तो उन्होंने क्रोधित हो बृज में खूब वर्षा की।

गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?

Why Govardhan Puja is Celebrated – ऐसी मान्यता है कि तब बृजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सबसे छोटी उंगली यानी कनिष्ठा उंगली पर सात दिन के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था और समस्त बृजवासियों की रक्षा की थी। इसलिए तब से ही गोवर्धन पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान गोवर्धन अपने सभी शरणागत भक्तों की रक्षा करते हैं। कहते हैं कि गोवर्धन पर्वत भगवान श्री कृष्ण का ही एक स्वरूप है।

Name of PDF Govardhan Puja Vidhi 2024 (गोवर्धन व्रत कथा)
Language Hindi/ Sanskrit
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गोवर्धन जी की आरती – Govardhan Ji Ki Aarti PDF

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।

तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण।

Govardhan Puja Ka Shubh Muhurat 2024

गोवर्धन पूजा कब है –  आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। यह पर्व दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है। इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को पड़ रही है, तो गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर यानि बुधवार के दिन मनाई जाएगी।

समय – दोपहर 3 बजकर 09 मिनट से शाम 5 बजकर 17 मिनट तक।

Govardhan Puja Mantra

गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।

हे कृष्ण करुणासिंधो दीनबंधो जगतपते।
गोपेश गोपिकाकांत राधाकान्त नमोस्तुते।

Govardhan Puja Vidhi 2024 PDF

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेंहू और चावल आदि अनाज, बेसन की पीला ब्रज जैसु बनी कढ़ी और पत्ते वाली हरी सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है। बाद में इस सारे भोग को भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है। गोवर्धन पूजा वाले दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ यानी भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाती है।

इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर और फूल आदि से दीपक जलाकर उसकी पूजा करें। गोबर से बनाए गए गोवर्धन नाथ की परिक्रमा करें। फिर ब्रज के देवता गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट भोग लगाएं। अन्नकूट में 56 तरह के खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं। इस दिन प्रदोष काल में यानी शाम के समय में विधि-विधान से श्री कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। साथ ही गोवर्धन पूजा के दिन गाय की पूजा कर उसे गुड़ और हरा चारा खिलाना अच्छा माना जाता है।

गोवर्धन पूजा की सामग्री लिस्ट पीडीएफ

Govardhan Puja Ki Samagri List – गेंहू, चावल, गाय का गोबर, रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल, गुड़, हरा चारा, दूध, दही, शहद, गंगाजल, शक्कर, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी का पत्ता, पीले फूलों की माला, बांसुरी, फल और दक्षिणा आदि‌।

  1. हिंदी पंचांग कैलेंडर 2024 PDF Download in Hindi
  2. अहोई अष्टमी व्रत कथा (कहानी) विधि पीडीएफ डाउनलोड
  3. धनतेरस पूजा विधि व सामग्री लिस्ट पीडीएफ डाउनलोड
  4. दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि (आरती) पीडीएफ (सामग्री लिस्ट)

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