Bal Diwas- बाल दिवस (Children’s Day) क्यों मनाया जाता है – पंडित जवाहर लाल नेहरू आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था। उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेहरू जी का बच्चों से बड़ा स्नेह था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे। बच्चों के प्रति उनके इस स्नेह भाव के कारण बच्चे भी उनसे बेहद लगाव और प्रेम रखते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही कारण है कि नेहरू जी के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
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What is Children’s Day 2024?
पंडित जवाहर लाल नेहरू को देशवासियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस (Bal Diwas) मनाया जाता है। वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे। यही कारण है कि बच्चे आज भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं। नेहरू कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है और बहुत जरूरी है कि उन्हें प्यार दिया जाए। उनकी देखभाल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। बाल दिवस के दिन स्कूलों में तरह-तरह के रंगारंग कार्यक्रमों, मेलों और बहुत सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस लेख में हम आपको बाल दिवस का इतिहास/ निबंध/ हिंदी भाषण आदि की जानकारी हिंदी में देंगे। कृपया इसके लिए पूरा आर्टिकल अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।
बाल दिवस (Children’s Day) क्यों मनाया जाता है?
Why Baal Diwas (Children’s Day) Celebrated – भारत में हर साल 14 नवंबर को बड़े ही उत्साह के साथ ‘बाल दिवस’ मनाया जाता है। बच्चों के प्रति पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्यार और लगाव को देखते हुए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरु के निधन के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसहमति से यह फैसला हुआ कि अब से हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर बाल दिवस (Children’s Day) मनाया जाएगा।
उनका जन्म वर्ष 1889 में 14 नवंबर को इलाहाबाद में प्रसिद्ध वकील, श्री मोतीलाल नेहरू और श्रीमती स्वरूप रानी के यहाँ हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा इंग्लैंड से प्राप्त की और भारत लौटने के बाद उन्होंने भारतीयों की मदद करना शुरू किया और भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। भारत की आजादी के बाद वह भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। वह महान कवि भी थे। कुछ प्रसिद्ध लेखन ‘विश्व इतिहास की झलक’ और ‘भारत की खोज’ आदि हैं। वह हकीकत में बच्चों से बेहद प्रेम करते थे। तथा वह बाग़-बागवान के शौकीन थे, और वह कहते थे कि बच्चे बगीचे की कलियों की तरह होते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे देश की वास्तविक ताकत हैं।
बाल दिवस (Bal Diwas) का इतिहास
Check Bal Diwas History (Children’s Day) – बाल दिवस साल 1925 से मनाया जाने लगा था। लेकिन UN ने 20 नवंबर 1954 को विश्व बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। कई देशों में अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है। परन्तु भारत में बाल दिवस 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद से मनाया जाने लगा। सर्वसहमति से ये विचार किया गया कि नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाएगा।
Universal Children’s Day: 20 November
Children’s Day 2024 In India: Thursday, 14 November
भारत में बाल दिवस समारोह कैसे मनाते हैं?
Check Bal Diwas Samaroh History/ Essay & Quotes In Hindi – बाल दिवस के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं। इसके साथ ही स्कूल (विद्यालय) में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
- इस दिन स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजित किया जाता है, साथ ही बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।
- बाल दिवस के दिन कई स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है और बच्चों के लिए खेल कूद का आयोजन होता है।
- विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। जैसे – फैंसी ड्रेस, वाद-विवाद, स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित भाषण, देश, कहानी और Quizz प्रतियोगिता आदि।
- अन्य संगीत वाद्ययंत्रों के साथ गायन, नृत्य और मनोरंजन जैसे सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम।
- अनाथ बच्चों को कपड़े, खिलौने, संगीत वाद्ययंत्र, स्टेशनरी, किताबें, आदि वितरित करके मनोरंजन किया जा सकता है।
- कई स्कूलों में बाल दिवस (चिल्ड्रेन डे) के दिन बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है।
बाल दिवस पर हिंदी भाषण और बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें?
Bal Diwas Samaroh Speech – बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) पर भाषण देने के लिए सबसे पहले मंच पर पहुंचकर आयोजन में उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन करना होता है। इसके बाद, सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपने भाषण की शुरुआत करें। बाल दिवस पर निबंध में इसकी कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसमें अपने विचारों को लिखकर अभिव्यक्त किया जाता है। इसके पश्चात बाल दिवस क्या है, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बच्चों की वर्तमान समस्याएँ, उनके समाधान, Bal Diwas के बारे में अपने विचारों आदि को जगह दें और यदि मंच पर बाल दिवस पर भाषण रहे हैं तो अंत में सभी को बाल दिवस की एक बार और हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात समाप्त करें।
Bal Diwas Essay In Hindi | बाल दिवस निबंध इन हिंदी
प्रस्तावना
बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उनके अनुसार, बच्चे देश का भविष्य है। जब उनको ये महसूस हुआ कि बच्चे देश का भविष्य है तो उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रुप में मनाने का निश्चय किया जिससे देश के बच्चों पर ध्यान केन्द्रित किया जाये तथा उनकी स्थिति में सुधार लाया जाये। ये 1956 से ही पूरे भारत में हर साल 14 नवंबर के दिन मनाया जा रहा है।
बाल दिवस क्यों आवश्यक है?
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बनाने के लिये उनमें सुधार के साथ देश में बच्चों के महत्व, वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये हर साल बाल दिवस मनाया जाना बहुत जरूरी है क्योंकि वह देश के भविष्य हैं। बाल दिवस उत्सव सभी के लिये मौका उपलब्ध कराता है खासतौर से भारत के उपेक्षित बच्चों के लिये। बच्चों के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के एहसास के द्वारा उन्हें अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। ये देश में बच्चों के बीते हुई स्थिति और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिये उनकी सही स्थिति क्या होनी चाहिये के बारे में लोगों को जागरूक करता है। ये केवल तब ही मुमकिन है जब सभी लोग बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से समझें।
बाल दिवस का इतिहास
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। बाल दिवस नेहरू जी के जन्म दिवस 14 नवम्बर को मनाया जाता है। नेहरू जी का बच्चों से बड़ा स्नेह था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे। बच्चों के प्रति उनके इस स्नेह भाव के कारण बच्चे भी उनसे बेहद लगाव और प्रेम रखते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही कारण है कि नेहरू जी के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?
इसे देश में हर जगह ढेर सारी क्रियाकलापों (बच्चों से संबंधित जो उन्हें आदर्श नागरिक बनाये) के साथ मनाया जाता है। नैतिक, शारीरिक और मानसिक जैसे हर पहलू में स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित कई सारी प्रतियोगिताएँ रखी जाती हैं। इस दिन लोग इस बात की शपथ लेते हैं कि वो कभी अपने बच्चों की उपेक्षा नहीं करेंगे। इस दिन, बच्चों को नये कपड़े, अच्छा भोजन और किताबें दी जाती है। इसके साथ ही बच्चों को उनके अधिकारों तथा अपेक्षाओं के प्रति भी जागरुक किया जाता है।
निष्कर्ष
बाल दिवस मानने के पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि लोगों को बच्चों के अधिकारों तथा अच्छे पालन-पोषण के विषय में जागरुक भी किया जा सके। क्योंकि बच्चे ही देश के असली भविष्य हैं। इसलिये हर किसी को बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिये, जिससे की बाल दिवस का वास्तविक अर्थ सार्थक हो सके।