Hanuman Chalisa In Hindi PDF – हनुमान चालीसा संकटमोचन पीडीएफ डाउनलोड

अगर आप भी श्री हनुमान चालीसा पाठ (Shri Hanuman Chalisa) PDF Hindi में डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आये हैं। यहाँ हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हनुमान चालीसा पाठ हिंदी पीडीएफ डाउनलोड लिंक प्रदान कर रहे हैं। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार बजरंग बलि इस कलयुग में जागृत देव हैं। इसलिए हमारे हिंदू धर्म में “हनुमान चालीसा” का महत्व बहुत अधिक है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सभी को अपना जीवन आनंदमय करने के लिए व विघ्न दूर करने के लिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करना चाहिए। Hanuman Chalisa PDF फ्री में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Contents

हनुमान चालीसा संकटमोचन पीडीएफ डाउनलोड

जैसा की हम सभी श्रदालु जानते हैं कि हनुमान जी भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं। बिना हनुमान जी की आज्ञा के भगवान राम और माता सीता के दर्शन भी नहीं हो सकते हैं। इस बात का वर्णन हनुमान चालीसा में भी किया गए है। (राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।) इसके साथ ही हनुमान जी श्री रामचन्द्र के सबसे अधिक प्रिय थे और उनकी बहुत बड़ाई करते और कहते कि तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो। (रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।)

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ हेतु पीडीएफ फाइल कैसे डाउनलोड करें और श्री हनुमान चालीसा पाठ के फायदे क्या है? इसकी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही आपको हनुमान चालीसा संकटमोचन हिंदी अर्थ सहित भी बताएँगे। कृपया आगे पढ़ना जारी रखें।

Hanuman Chalisa In Hindi PDF – Overview

पीडीएफ का नाम श्री हनुमान चालीसा पाठ
साइज और पेज संख्या 23 केबी/ 3 पृष्ठ
लेखक (रचयिता) गोस्वामी तुलसीदास जी
भाषा संस्कृत/ हिंदी
पाठ का लाभ सभी मनोकामनाओं की पूर्ति
लाभार्थी सभी हनुमान भक्त
हनुमान चालीसा दोहे 3 दोहे
सम्पूर्ण हनुमान चालीसा चौपाई 40 चौपाई
Download PDF Link Shri Hanuman Chalisa PDF Hindi

श्री हनुमान चालीसा पाठ PDF हिंदी में डाउनलोड करें

आपको बता दें कि हनुमान चालीसा मूलरूप से अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु राम के महान भक्त हनुमान के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। पूरी दुनिया में हनुमान चालीसा सर्वाधिक गान किए जाना वाला पाठ एवं स्तोत्र है। हनुमान जी को संकटमोचक भी कहा गया है। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन के सभी संकट तो मिटते ही हैं, साथ ही अन्य कई लाभ भी होते हैं। इसलिए इसे कही जगह पर “हनुमान चालीसा संकटमोचन पाठ” भी बोलते हैं।

यूट्यूब पर हनुमान चालीसा सबसे ज्यादा सुनने वाला आध्यात्मिक गीत (भजन) भी है। अब तक करोड़ लोगो से हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करके लाभ अर्जित किया है। अगर आप भी हनुमान जी के सच्चे भक्त हो तो आपको भी हनुमान चालीसा का पाठ विधिपूर्वक करना चाहिए। आपको सुविधा के लिए हमने नीचे खंड में श्री हनुमान चालीसा पाठ हिंदी अर्थ सहित समझाया है।

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सम्पूर्ण हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित

यहाँ हम आपको हनुमान चालीसा पाठ को हिंदी अर्थ सहित बता रहें हैं।

⭐ दोहा ⭐

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

अर्थ => श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।
हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूं। आप तो जानते ही हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्‍बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुखों व दोषों का नाश कार दीजिए।

⭐ चौपाई  ⭐

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

अर्थ => श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

अर्थ => हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।

अर्थ => हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालों के साथी, सहायक है।

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।

अर्थ => आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।

अर्थ => आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।

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संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।

अर्थ => शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।

अर्थ => आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम के काज करने के लिए आतुर रहते है।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।

अर्थ => आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

अर्थ => आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।

अर्थ => आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्‍देश्यों को सफल कराया।

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

अर्थ => आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

अर्थ => श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।

अर्थ => श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।

अर्थ => श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

अर्थ => यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

अर्थ => आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।

अर्थ => आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

अर्थ => जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुंचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

अर्थ => आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुंह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

अर्थ => संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

अर्थ => श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात् आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

अर्थ => जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।

अर्थ => आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप जाते है।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।

अर्थ => जहां महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

अर्थ => वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।

हनुमान चालीसा पाठ हिंदी में पीडीऍफ़ डाउनलोड

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

अर्थ => हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते है।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।

अर्थ => तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।

अर्थ => जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करें तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।

अर्थ => चारो युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।

साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।

अर्थ => हे श्री राम के दुलारे! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

अर्थ => आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।

अर्थ => आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।

अर्थ => आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है और जन्म जन्मांतर के दुख दूर होते है।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।

अर्थ => अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलाएंगे।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

अर्थ => हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

अर्थ => हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

अर्थ => हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझ पर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।

अर्थ => जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बंधनों से छूट जाएगा और उसे परमानन्द मिलेगा।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

अर्थ => भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।

अर्थ => हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है। इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।

⭐ दोहा ⭐

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

अर्थ => हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनंद मंगलों के स्वरूप हैं। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।

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