Lakshmi Pujan Vidhi Mantra Sahit PDF (In Marathi, Hindi, Sanskrit) Download – अगर आप दिवाली लक्ष्मी पूजा के लिए लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF की खोज कर रहे हैं या फिर “लक्ष्मी पूजन के मंत्र” हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि मंत्र सहित के बारे में सम्पूर्ण जानकारी साझा कर रहे है और साथ ही पीडीएफ फाइल का डायरेक्ट डाउनलोड लिंक भी प्रदान करेंगे। जिसकी मदद से आप महालक्ष्मी पूजन विधि मूल मंत्र संस्कृत सहित हिंदी व मराठी भाषा में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
आपको बता दें कि दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस बार दिवाली (बड़ी दीपावली) 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। नीचे खंड में हम आपको दीपावली पर मां लक्ष्मी और श्री गणेशजी की पूजा करने हेतु लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF का डाउनलोड लिंक साझा कर रहे हैं। कृपया आगे पढ़ना जारी रखें।
Contents
लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF Download
मां लक्ष्मी और श्री गणेशजी की पूजन से घर में शांति, तरक्की और समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। दिवाली पर हर व्यक्ति माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा करते है। इसलिए यहाँ हम आपकी सहूलियत के लिए Lakshmi Pujan Mantra in Hindi/ Sanskrit/ Marathi में प्रदान कर रहे हैं।
Name of PDF | लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित (pdf) |
Language | Hindi/ Sanskrit/ Marathi |
Number of pages | 03 |
PDF Size | 160 KB |
Post-Category | General | PDF file |
Source Website | www.readermaster.com |
Download Links | Lakshmi Pujan Vidhi Mantra Sahit PDF |
Diwali Laxmi Puja Vidhi and Samagri List PDF | |
Total downloads | 721 |
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
- कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि => 23 अक्टूबर शाम 06:04 से 24 अक्टूबर शाम 05:28 मिनट तक
- कृष्ण पक्ष की अमावस्या => 24 अक्टूबर शाम 05:28 से 25 अक्टूबर शाम 04:18 मिनट तक
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त => 24 अक्टूबर शाम 06:53 से रात 08:16 तक
- अभिजीत मुहूर्त => 24 अक्टूबर सुबह 11:19 से दोपहर 12:05 तक
- विजय मुहूर्त => 24 अक्टूबर दोपहर 01:36 से 02:21 तक
नोट – लक्ष्मी ध्यान मंत्र के साथ ही महालक्ष्मी मंत्र स्तुति, राशि अनुसार लक्ष्मी मंत्र, व लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित मराठी की विस्तृत जानकारी नीचे दी गयी है।
Download: Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF in Hindi
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Lakshmi Pujan Vidhi Mantra Sahit PDF in Hindi
- सर्वप्रथम पूजा के स्थान को स्वच्छ करें।
- अब उस स्थान पर आते और हल्दी से चौक पूरें।
- तत्पश्चात एक लकड़ी की चौकी उस चौक पर रखें।
- अब माता श्री लक्ष्मी, सरस्वती जी तथा गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमाएं अथवा चित्र विराजमान करें।
- तदोपरांत पूजन के जलपात्र से जल लेकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए सभी प्रतिमाओं पर छिड़कें।
- साथ ही अपने पूजा के आसन को भी इसी मन्त्र का उच्चारण करते हुए जल छिड़ककर स्वच्छ करें।
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।
- अब पृथ्वी माता को प्रणाम करके निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए आसन ग्रहण करें।
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग ऋषिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥
पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः
- तत्पश्चात ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः का उच्चारण करते हुए गंगाजल का आचमन करें।
- इस पूरी प्रक्रिया के बाद मन को शांत कर आंखें बंद करें तथा मां को मन ही मन प्रणाम करें।
- इसके बाद, हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करें। संकल्प के लिए हाथ में अक्षत (चावल), पुष्प और जल ले लीजिए। साथ में एक रूपए (या यथासंभव धन) का सिक्का भी ले लें।
- इन सब को हाथ में लेकर संकल्प करें कि मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान व समय पर मां लक्ष्मी, सरस्वती तथा गणेशजी की पूजा करने जा रहा हूं, जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हों।
- इसकेपश्चात, सबसे पहले भगवान गणेशजी व गौरी का पूजन कीजिए।
- तत्पश्चात कलश पूजन करें फिर नवग्रहों का पूजन कीजिए।
- हाथ में अक्षत और पुष्प ले लीजिए और नवग्रह स्तोत्र बोलिए।
- इसके बाद भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन किया जाता है।
- इन सभी के पूजन के बाद 6 मातृकाओं को गंध, अक्षत व पुष्प प्रदान करते हुए पूजन करें।
- पूरी प्रक्रिया मौलि लेकर गणपति, माता लक्ष्मी व सरस्वती को अर्पण कर और स्वयं के हाथ पर भी बंधवा लें।
- अब सभी देवी-देवताओं के तिलक लगाकर स्वयं को भी तिलक लगवाएं।
- इसके बाद, मां महालक्ष्मी की पूजा आरंभ करें।
- अब देवी लक्ष्मी, गणेश जी व देवी सरस्वती जी का पूजन करें।
- उनके समक्ष सात, ग्यारह अथवा इक्कीस की संख्या में दीप प्रज्वलित करें।
- माता श्री लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
- अब श्री सूक्त, लक्ष्मीसूक्त तथा कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
- तदोपरांत धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करके आरती करें।
- इस प्रकार आपका पूजन संपन्न होती है। अंत में पूजन संपन्न होने पर क्षमा-प्राथना करें।
लक्ष्मी पूजन मंत्र सहित – Lakshmi Poojan Mantra
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें रक्तचन्दन समर्पण करना चाहिए:
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् ।
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि ।।
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए;
क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि ।।
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को अक्षत समर्पण करना चाहिए-
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः ।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः | अक्षतान समर्पयामि ।।
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण करना चाहिए;
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो ।
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पमालां समर्पयामि ।।
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करना चाहिए;
त्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च ।
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः । ॐ
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां निर्णुद मे गृहात् । ॐ महालक्ष्म्यै नमः । आभूषण समर्पयामि ।।
इस मंत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को वस्त्र समर्पण करना चाहिए;
दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् । दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ।।
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह । प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ।।
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को स्नान हेतु घी अर्पित करना चाहिए;
ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा ।
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा । ॐ महालक्ष्म्यै नमः घृतस्नानं समर्पयामि ।।
मां लक्ष्मी की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें जल समर्पण करना चाहिए;
मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः । स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि ।।
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आसन समर्पण करना चाहिए;
तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम् । अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ।।
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् । श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए;
सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम ।
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ।।
ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ।।
माता लक्ष्मी की आरती – Mata Lakhsmi Ki Aarti in Hindi
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
गणेश जी की आरती – Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥
(माथे पर सिन्दूर सोहे,मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।
(हार चढ़े, फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
अँधे को आँख देत,कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
(दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।
कामना को पूर्ण करो,जग बलिहारी॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥