Uttarakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana Apply | मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना ऑनलाइन आवेदन | Vatsalya Yojana Online Registration Form | उत्तराखंड वात्सल्य योजना एप्लीकेशन फॉर्म
प्रदेश में कोविड की वजह से कई बच्चों ने अपने माता-पिता या फिर कमाने वाले परिजनों को खो दिया है। सरकार की मंशा इन बच्चों की मदद करने की रही है, लेकिन विभिन्न विभागों के बीच तालमेल के अभाव के चलते योजना को मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। आखिरकार उत्तराखंड कैबिनेट के द्वारा Mukhyamantri Vatsalya Yojana 2023 को मंजूरी मिल गई। कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कार्मिक विभाग ने सैद्धांतिक सहमति दी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से योजना पर सहमति दी गई।
यहाँ हम आपको उत्तराखंड सरकार की मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2023 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर रहे हैं जैसे कि योजना का लाभ कौन उठा सकता है, जरूरी पात्रता व दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि।
Contents
Mukhyamantri Vatsalya Yojana 2023
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना प्रदेश के उन बच्चों के लिए आरंभ की गई है जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है। इस योजना के माध्यम से ऐसे सभी बच्चों को ₹3000 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता भरण-पोषण भत्ता के रूप में प्रदान की जाएगी। कोरोना से माता-पिता या दोनों में से किसी एक की मौत पर बच्चों के लालन-पालन के लिए वात्सल्य योजना को मुख्यमंत्री की घोषणा के 18 दिन बाद कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
वर्तमान में इस योजना से प्रदेश के 500 से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे। इनकी संख्या अगले कुछ दिनों में बढ़ सकती है। इसमें सबसे अधिक 131 बच्चे हरिद्वार जिले के हैं। यह आर्थिक सहायता बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक प्रदान की जाएगी। जिससे कि वह अपना भरण पोषण कर सकें और आत्मनिर्भर बन सके। यह आर्थिक सहायता सभी पात्र बच्चों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजी जाएगी। Mukhyamantri Vatsalya Yojana का लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
Uttarakhand Vatsalya Scheme 2023
विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 264 बालक एवं 247 बालिकाओं के सिर से माता या पिता का साया उठा है। इसमें हरिद्वार के बाद दूसरे नंबर पर देहरादून में सबसे अधिक 69 मामले हैं। टिहरी गढ़वाल में 67, नैनीताल जिले में 64 प्रकरण अब तक सामने आए हैं प्रदेश में सबसे कम चार प्रकरण पौड़ी गढ़वाल के हैं। इस जिले में तीन बालकों एवं एक बालिका के सिर से माता पिता का साया उठा है। कैबिनेट के प्रस्ताव के मुताबिक इन बच्चों को आर्थिक सहायता, खाद्य सुरक्षा दिए जाने के साथ ही इनके इलाज एवं निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
इसके लिए सभी तहसीलों में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। UK Vatsalya Yojana के माध्यम से सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चे आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित ना रहे। यदि आप भी मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप जल्द से जल्द आवेदन करवा लें।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का दायरा
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं Mukhyamantri Vatsalya Yojana के माध्यम से लाभार्थियों को ₹3000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की ओर से इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। अब सरकार द्वारा इस योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। अब इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी प्रदान किया जाएगा जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है। इसके अलावा वह बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु किसी अन्य वजह से पूर्व में हुई हो और अब दूसरे की मृत्यु कोरोना वायरस के कारण हुई हो उन बच्चों को भी इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
इस वात्सल्य योजना के माध्यम से बच्चों को आर्थिक सहायता के अलावा राशन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तराखंड द्वारा ऐसे सभी बच्चों की सूची महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से मांगी गई है। जिनके माता पिता की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है। इस संबंध में आयोग के सचिव द्वारा विभाग के निदेशक को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
Mukhyamantri Vatsalya Yojana का लाभ
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के माध्यम से उत्तराखंड सरकार द्वारा उन सभी बच्चों को ₹3000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिनके माता-पिता या अभिभावकों की मृत्यु कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हुई है।
- सरकार द्वारा ऐसे सभी बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में भी सहायता की जाएगी। इन सभी बच्चों को रोजगार प्रदान करने के लिए सरकारी नौकरियों में 5% का कोटा भी रखा जाएगा।
- साथ ही बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए भी सरकार द्वारा कुछ नियम बनाए जाएंगे। जिसके अंतर्गत बच्चों की पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार बच्चे की वयस्क हो जाने तक किसी को भी नहीं होगा। इस बात की जिम्मेदारी जिले के जिला अधिकारी को दी जाएगी।
- इसके अलावा Mukhyamantri Vatsalya Yojana के अंतर्गत बच्चों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी।
Overview of Mukhyamantri Vatsalya Yojana 2023 UK
योजना का नाम | मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना |
शुरू की गयी | उत्तराखंड सरकार द्वारा |
वित्तीय वर्ष | 2023-2024 |
उद्देश्य | बच्चों को भरण पोषण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना |
लाभार्थी | वे बच्चे जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है |
आर्थिक सहायता | 3000 रुपये |
सरकारी नौकरी में कोटा | 5% |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ ऑफलाइन मोड |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्द लॉन्च की जाएगी |
लेख श्रेणी | राज्य सरकार योजना |
उत्तराखंड वात्सल्य योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को प्रदेश के उन बच्चों के लिए आरंभ किया गया है जिनके माता पिता की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो गई है। इस योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। जिससे कि वह अपना भरण-पोषण कर सकें। इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड सरकार द्वारा ₹3000 की आर्थिक सहायता प्रतिमाह बच्चे की 21 वर्ष की आयु होने तक प्रदान की जाएगी। Mukhyamantri Vatsalya Yojana की वजह से अब प्रदेश के बच्चों को अपने भरण-पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन सकेंगे।
आपकी सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के सभी ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड-19 महामारी से अपने माता-पिता को खोया है, उन सभी की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इसके लिए हम 'मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना' लेकर आए हैं: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/5oVpiY4xT4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 22, 2021
Vatsalya Yojana की मुख्य विशेषताएं
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत द्वारा आरंभ किया गया है।
- इस योजना के माध्यम से उन सभी बच्चों की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिनकी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु हो गई हो।
- इस योजना के माध्यम से प्रतिमाह ₹3000 की आर्थिक सहायता बच्चे की 21 वर्ष की आयु होने तक भरण-पोषण भत्ता के रूप में प्रदान की जाएगी।
- यह आर्थिक सहायता सभी पात्र बच्चों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजी जाएगी।
- Mukhyamantri Vatsalya Yojana 2023 का लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
- इसके अलावा उत्तराखंड सरकार द्वारा ऐसे सभी बच्चों की शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में भी सहायता की जाएगी।
- सरकार द्वारा ऐसे सभी बच्चों के लिए सरकारी नौकरी में 5% का कोटा भी रखा जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत बच्चे की पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार बच्चे के वयस्क होने तक किसी को भी नहीं दिया जाएगा।
- इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत बच्चों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाएगी।
योजना हेतु पात्रता/ योग्यता शर्ते
- आवेदक उत्तराखंड का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- उम्मीदवार का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
- आवेदक के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हुई हो।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- राशन कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
- माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2023 आवेदन/ पंजीकरण प्रक्रिया
यदि आप मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको अभी कुछ समय इंतजार करना होगा। उत्तराखंड सरकार द्वारा अभी केवल इस योजना की घोषणा की गई है। जल्द इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया सक्रिय की जाएगी। जैसे ही उत्तराखंड सरकार द्वारा Mukhyamantri Vatsalya Yojana 2023 के अंतर्गत आवेदन से संबंधित कोई भी जानकारी प्रदान की जाएगी हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से जरूर बताएंगे। कृपया आप हमारे से जुड़े रहे।
Important Points of Mukhyamantri Vatsalya Yojana
24 घंटे के भीतर प्रभावित बच्चों से करना होगा संपर्क
- प्रदेश के हर जिले में जिलाधिकारी के निर्देशन में चलने वाली जिला बाल इकाई को प्रभावित बच्चों की सूचना मिलने के 24 घंटे के भीतर उनसे वर्चुअल या व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना होगा। इकाई उनसे मिलकर उनकी वर्तमान स्थिति का प्रारंभिक आंकलन करेगी। जो यह देखेगी कि माता पिता या संरक्षक की मौत की वजह, परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति, परिवार की आय का जरिया, प्रभावित बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी व उनकी शिक्षा का स्तर की जानकारी लेगी।
ये बच्चे होंगे योजना के लिए पात्र
- अभिभावक या माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो।
- माता-पिता में से किसी एक की कोविड से मौत हो गई हो एवं दूसरे का पूर्व में देहांत हो गया हो।
- परिवार के कमाऊ सदस्य माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु हो गई हो ।
- माता-पिता की पूर्व में मृत्यु हो चुकी हो व संरक्षक की मृत्यु हो गई हो ।
बच्चों के चिन्हीकरण के लिए समस्त एसडीएम होंगे उत्तरदायी
- प्रदेश में प्रभावित बच्चों के चिन्हीकरण के लिए समस्त तहसीलों के उपजिलाधिकारी इस कार्य के लिए उत्तरदायी होंगे। जो अपने अधीन नायब तहसीलदारों एवं प्रभारी नायब तहसीलदारों को इस काम के लिए नोडल अधिकारी नामित करेंगे।
- नोडल अधिकारी प्रभावित बच्चों की मदद के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों, शिक्षकों, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं, स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं, चाईल्ड हेल्पलाइन, ग्राम एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से प्रभावित बच्चों का चिन्हीकरण करेंगे।
जरूरतमंद श्रेणी का बच्चा होगा घोषित
- ऐसे लाभार्थी जिनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है। बाल कल्याण समिति उसे जरूरतमंद श्रेणी का बच्चा घोषित करेगी।
- बच्चों की पैतृक संपत्ति की होगी सुरक्षा, डीएम होंगे नोडल अधिकारी
- जिला बाल इकाई की ओर से ऐसे बच्चों की पैतृक संपत्ति, उत्तराधिकार एवं विधिक अधिकारों को संरक्षित रखने में सहयोग किया जाएगा।
- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उन्हें निशुल्क सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। बच्चों की पैतृक संपत्ति की सुरक्षा के लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे।
21 साल की उम्र तक हर महीने मिलेगी तीन हजार की आर्थिक सहायता
- बच्चों को 21 साल की उम्र तक हर महीने तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। यदि बच्चे की उम्र 18 साल से कम है तो यह धनराशि उपयुक्त व्यक्ति,संरक्षक व बच्चे के संयुक्त खाते में डीबीटी के माध्यम से जमा की जाएगी। 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद लाभार्थी के खाते में यह धनराशि जमा की जाएगी।
नवोदय विद्यालयों में प्रवेश में आरक्षण और निशुल्क शिक्षा
- कक्षा एक से 12 तक सरकारी स्कूलों में बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। सरकारी आवासीय विद्यालयों, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय आदि में लाभार्थियों को प्रवेश में आरक्षण व निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा में ऐसे बच्चों को प्रवेश में आरक्षण और निशुल्क शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा चिकित्सा एवं तकनीकी शिक्षा में भी प्रवेश में आरक्षण और निशुल्क शिक्षा दी जाएगी।
सरकारी नौकरियों में मिलेगा पांच फीसदी का क्षैतिज आरक्षण
- प्रदेश की सरकारी सेवाओं में लाभार्थियों को पांच फीसदी का क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया जाएगा। बच्चों को योजना के लाभ के लिए आवेदन का दायित्व संबधित तहसीलों के नोडल अधिकारियों का होगा।
- सीएम की घोषणा के बाद वात्सल्य योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार, योजना से प्रदेश के पात्र बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
पैतृक संपत्ति के लिए नियम
- तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ के तहत अनाथ बच्चों की आयु 21 वर्ष होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा और रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. उन्होंने बताया कि इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए नियम बनाए जाएंगे. अनाथ बच्चों के वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा।
- महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग ने Mukhyamantri Vatsalya Yojana का प्रारूप तैयार किया है। हालांकि, योजना में शिक्षा, खाद्य, राजस्व विभागों को सम्मिलित किया गया है, ताकि उनसे अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में विलंब से अनाथ बच्चों के हित प्रभावित हो रहे हैं। इस स्थिति को कतई संतोषजनक नहीं कहा जा सकता।
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