
Uttarakhand Pirul Power Generation Scheme 2023: नमस्कार मित्रों, यदि आप उत्तराखंड के रहने वाले हैं तो यह आर्टिकल खास आपके लिए है। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की उत्तराखंड सरकार प्रदेश में एक नई योजना शुरू करने जा रही है। जिसका नाम “उत्तराखंड पिरूल योजना” है। पिरूल (चीड़ की पत्तियाँ) उत्तराखंड में अधिक मात्रा में पाई जाने वाली पिरूल (चीड़ की पत्तियाँ) से बिजली उत्पादन की योजना संचालित की गयी है। योजना को वर्ष 2018 में शुरू किया गया है। योजना के तहत उत्तराखंड के निवासी पिरूल से बिजली उत्पादन करने का प्लांट स्थापित कर सकते हैं। प्लांट से उत्पन्न होने वाली बिजली को उत्तराखंड के बिजली विभाग को बेच भी सकते हैं।
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Uttarakhand Pirul Scheme 2023 (उत्तराखंड सौर स्वरोजगार योजना)
बिजली बेचने के लिए उत्तराखंड बिजली विभाग (यूपीसीएल) के साथ कम्पनी का एग्रीमेंट किया जाएगा। योजना के तहत बिजली प्लांट लगाने के लिए बैंक से 100 प्रतिशत लोन प्राप्त किया जा सकता है। इसके बाद प्लांट से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल (UPCL- Uttarakhand Power Corporation Ltd) को बेचना शुरू करने के बाद उत्तराखंड उद्योग विभाग द्वारा प्लांट की क्षमता और लोकेशन के आधार पर सब्सीडी प्रदान की जाती है। Uttarakhand Pirul Power Generation Yojana की अधिक जानकारी के लिए आपको यह आर्टिकल अंत तक पढ़ना होगा।
उत्तराखंड पिरूल बिजली उत्पादन योजना 2023
Uttarakhand Pirul Power Generation Scheme – उत्तराखंड सरकार ने जंगलों में अपनी मात्रा कम करने के लिए देवदार के पेड़ों – चीड़ की सुइयों के नाम से जानी जाने वाली हरी पत्तियों के उत्पादन की कोशिश शुरू कर दी है क्योंकि वे बहुत जल्दी आग पकड़ लेते हैं। पिछले कुछ वर्षों से, जंगल की आग उत्तराखंड के जंगलों में तबाही मचा रही है, कई हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर रही है और यहां तक कि लोगों और जानवरों को भी मार रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की आग के फैलने के पीछे मुख्य अपराधी चीड़ की सुइयां हैं – जिन्हें स्थानीय रूप से पिरूल के रूप में जाना जाता है
इस कदम के तहत, सरकार ने 21 कंपनियों को पुरस्कार के पत्र जारी किए हैं जो राज्य की बिजली उत्पादन की योजना के तहत बिजली उत्पादन के लिए नए बिजली संयंत्र स्थापित करेगी। इन कंपनियों से कुल 675 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL), राज्य की एकमात्र सरकारी स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी, जो इन कंपनियों के साथ 7.54 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने के लिए अलग-अलग बिजली खरीद समझौते (PPA) पर हस्ताक्षर करेगी। उत्तरकाशी जिले के डूंडा ब्लॉक में 125W की क्षमता वाला सबसे बड़ा पिरूल संयंत्र स्थापित कर रहा है।
उत्तराखंड पिरूल योजना में बिजली प्लांट की लागत-
Cost of Power Plant in Uttarakhand Pirul Power Yojana – उत्तराखंड पिरूल योजना में बिजली प्लांट की लागत की जानकारी निम्लिखित है।
- 25 किलोवाट के बिजली प्लांट को स्थापित करने का खर्च लगभग रु 25 लाख है। जिससे प्रति वर्ष 1,40,000 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
- 10 किलोवाट के बिजली प्लांट को स्थापित करने का खर्च लगभग रु 11 लाख है। इस प्लांट से बिजली उत्पादन का कार्य करने के लिए 2 से 3 कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी।
- पिरूल से बिजली उत्पादन के प्लांट को लगाने के लिए उरेडा (UREDA- Uttarakhand Renewable Energy Development Agency) की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- इसके बाद, पिरूल बिजली प्लांट लगाने के लिये बोली लगाई (Bidding) जायेगी। बिडिंग प्रक्रिया में सबसे कम मूल्य पर यूपीसीएल को बिजली बेचने के लिए बोली लगाने वाले को पॉवर प्लांट लगाने की अनुमति प्राप्त होगी।
- उत्तराखंड सरकार को बिजली बेचने की अधिकतम मूल्य 5 रु प्रति यूनिट है।
- पॉवर प्लांट लगाने की अनुमति मिलने के बाद, बैंक से प्लांट स्थापित करने के लिए सौ प्रतिशत राशि लोन के रूप में प्राप्त हो सकेगी।
- प्लांट से उत्पन्न होने वाली बिजली का उपयोग अपने परिसर में करने के बाद, यूपीसीएल के ग्रिड में सप्लाई किया जा सकेगा। इससे प्रति वर्ष लगभग रु 7.2 लाख यूपीसीएल से प्राप्त हो सकेगी।
- इसके अतिरिक्त उद्योग विभाग द्वारा पॉवर प्लांट के लोकेशन एवं क्षमता के आधार पर 25,35 या 40 प्रतिशत की सब्सिडी राशि प्रदान की जायेगी।
- बिजली प्लांट में खपत होने वाली पिरूल को एकत्रित करने की अनुमति उत्तराखंड वन विभाग से प्राप्त करनी होगी इसके बाद लगभग 2 रूपये प्रति किलो के हिसाब से ग्रामीणों को भुगतान करके पिरूल एकत्रित किया जा सकता है।
पिरूल विद्युत उत्पादन योजना के लाभ-
Benefits of Uttarakhand Pirul Power Genration Yojana – पिरूल योजना के कई लाभ हैं जो निम्न प्रकार से हैं:
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पिरूल के माध्यम से बिजली उत्पादन में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं और मानते हैं कि पाइन सुइयों में राजस्व उत्पन्न करने और पहाड़ियों में रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है जो व्यापक प्रवासन से बुरी तरह प्रभावित हैं।
- पिरुल बिजली पैदा कर सकता है जो बदले में रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।
- इस नीति के तहत, सरकार ने 2019 तक 1 मेगावाट, 2021 तक 5 मेगावाट और 2030 तक 100 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
- राज्य के ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा। इस बीच, सरकार उन लोगों को 1 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करेगी जो जंगलों से पिरूल एकत्र करते हैं और आपूर्ति करते हैं।
- पहले से ही, हरियाणा में जन्मे रजनीश जैन ने पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग क्षेत्र में पिरूल से बिजली बनाने के लिए एक छोटा संयंत्र स्थापित किया है। यह पहाड़ी राज्य का पहला ऐसा संयंत्र माना जाता है।
- इसमें राज्य को एनर्जी इंधन के साथ ही वनाग्नि को रोकने में मदद मिलेगी, जगंलों में हरियाली होगी तथा जैव विविधता की सुरक्षा होगी।
- चीड़ से निकलने वाले लीसा से भी 43 प्रकार के उत्पाद बनाये जा सकते है। इसके लिए इंडोनेशिया से तकनीकि की जानकारी प्राप्त की जाएगी। इसका एक प्रोजेक्ट बैजनाथ में लगाया गया है।
पिरूल बिजली प्लांट आवेदन की शर्तें-
Uttarakhand Pirul Power Plant Application Conditions – यदि आप भी पिरूल बिजली प्लांट के लिए आवेदन करना चाहतें हैं तो आपको निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होगा।
- 100 किलोवाट क्षमता की पॉवर प्लांट लगाने के लिए 1000 वर्ग मीटर जमीन होना आवश्यक है।
- योजना के तहत आवेदन शुल्क रु 11,000 जमा करना होगा।
- आवेदन फॉर्म भरने के बाद पॉवर प्लांट लगाने की प्रक्रिया में प्रति 100 किलोवाट के हिसाब से रु 25,000 देना होगा।
- यदि लीज पर भूमि लेकर योजना का लाभ उठाना चाहते हैं।
- तो आपको आवेदन के 9 महीने के अन्दर भूमि के लीज के दस्तावेज़ उरेडा कार्यालय में दिखाना होगा।
- यदि प्लांट लगाने वाली भूमि के लीज के पेपर निर्धारित समय अवधि के अन्दर नहीं दिखाया गया। तो आवेदन की राशि आपकी वापस नहीं होगी।
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उत्तराखंड पिरूल योजना के लिए आवेदन फॉर्म-
Application Form for Uttarakhand Pirul Power Electricity Yojana – योजना के तहत पिरूल से बिजली उत्पादन प्लांट लगाने के लिए आवेदन से सम्बंधित सूचना UREDA की ऑफिसियल वेबसाइट पर जारी की जाती है। पिरूल योजना का लाभ उठाने के लिए आप अपने शहर / गाँव के उरेडा (उत्तराखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन उरेडा की वेबसाइट http://ureda.uk.gov.in/ पर सूचना जारी होने पर किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए => यहां क्लिक करें
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1 युनिट के लिए कितनी पिरूल की आवश्यकता होगी