तमिलनाडु राज्य सरकार ने महिलाओं के पीड़ितों/यौन हमले/अन्य अपराधों के बचे हुए लोगों के लिए विक्टिम मुआवजा योजना (Victim Compensation Scheme) 2023 अधिसूचित की है। यह योजना पिछले महीने वितरित सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले की तब्दीलियों का पालन करेगी। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अगुआई वाली पीठ ने निप्पुन सक्सेना (Nipun Saxena) बनाम संघ के मामले की सुनवाई करते हुए मुआवजे (Compensation) के लिए इस सुझाव को मंजूरी दे दी थी और निर्देश दिए थे कि दिशानिर्देशों को परिचालित किया जाए।
टीएन विक्टिम मुआवजे (TN Victim Compensation) की योजना 2018 में धारा 326 ए (एसिड हमले), 354 ए से 354 डी (यौन उत्पीड़न), 376 ए से 376 ई (अलगाव और संबद्ध अपराधों के दौरान पत्नी के साथ यौन संभोग), 304 बी (दहेज की मौत) और 498 ए (क्रूरता) पत्नी) भारतीय दंड संहिता की (Indian Penal Code)। टीएनएसएलएसए/डीएलएसए पीड़ितों और उनके आश्रितों को अंतरिम मुआवजे की राशि (Interim Compensation Amount) प्रदान करने के लिए तथ्यों के प्रारंभिक सत्यापन शुरू कर सकते हैं।
तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Govt) ने पीड़ित महिलाओं के लिए 4 से 7 लाख रुपये और गिरोह बलात्कार पीड़ितों के लिए 5 से 10 लाख रुपये के लिए निपुन सक्सेना में एससी फैसले के बाद यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों के लिए यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों के लिए टीएन विक्टिम मुआवजा योजना (TN Victim Compensation Scheme) 2023 को सूचित किया है।
तमिलनाडु पीड़ित मुआवजा योजना 2023
अधिसूचित विक्टिम मुआवजा योजना (Notified Victim Compensation Scheme) के अनुसार, पीड़ितों को निम्नलिखित राशि दी जाएगी:
- प्रत्येक बलात्कार उत्तरजीवी (Rape Survivor) को न्यूनतम मुआवजे की राशि 4 लाख रुपये के बराबर होगी। बलात्कार पीड़ित महिलाओं ने अपना जीवन खो दिया है, बलात्कार पीड़ित के आश्रित को अधिकतम मुआवजे की राशि 7 लाख रुपये हो सकती है।
- गिरोह बलात्कार के प्रत्येक उत्तरजीवी (Survivor of Gang Rape) को मुआवजे की राशि 5 लाख रुपये मिलेगी। जीवन के नुकसान के साथ-साथ गिरोह बलात्कार के मामले में अधिकतम मुआवजे की राशि 10 लाख रुपये हो सकती है।
तमिलनाडु विक्टिम मुआवजा योजना (Tamil Nadu Victim Compensation Scheme) महिलाओं के पीड़ितों और उनके आश्रितों को मुआवजे के उद्देश्य के लिए धन उपलब्ध कराएगी, जिन्होंने अपराध के परिणामस्वरूप हानि या चोट का सामना किया है और जिन्हें पुनर्वास (Rehabilitation) की आवश्यकता है। महिला उत्तरजीवी या आश्रितों को मुआवजे की राशि का निर्धारण करने के लिए, सीआरपीसी की धारा 357-बी को ध्यान में रखा जाएगा। कोई भी बचे हुए और उनके आश्रित पुलिस एफआईआर के साथ तमिलनाडु कानूनी सेवा प्राधिकरण (Tamil Nadu Legal Service Authority) या संबंधित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) से पहले मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मुआवजे का निर्धारण करने के लिए, अपराध के गुरुत्वाकर्षण, मानसिक/शारीरिक हानि या चोट की गंभीरता, चिकित्सा उपचार के लिए किए गए व्यय, शैक्षिक नुकसान (Loss of Education & Employment) और अपराध के अवसर के रूप में रोजगार के अवसर जैसे विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा।
कई अन्य मुद्दे जैसे कि दुर्व्यवहार एक अलग घटना थी या समय के दौरान हुई थी और महिलाएं गर्भवती हो गई थीं, इस पर विचार किया जाएगा। मामूली पीड़ित (Minor Victim) के मामले में, मुआवजे की 80% राशि सीधे सावधि जमा खाते (Fixed Deposit Account) में जमा की जाएगी और केवल उत्तरजीवी के बहुमत की प्राप्ति पर ही तैयार की जाएगी।
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