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Swadesh Darshan and Prasad Yojana: दोस्तों, आज आप हमारे इस लेख में “स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना” की जानकारी प्राप्त करेंगे। जिसमे आप इसके पर्यटक सर्किट और पात्रता के बारे में जानेंगे। साथ ही आपको इनकी विशेषता के बारे में भी जानकारी देंगे। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्वदेश दर्शन योजना। इस योजना के तहत देश के पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। भारत के पर्यटन मंत्रालय ने सन 2014-15 में 2 नई योजनाओं को लांच किया है। पहली प्रसाद यानि तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यत्मिक संवर्धन ड्राइव (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) है। जोकि सभी धर्मों के तीर्थ केन्द्रों पर सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने के लिए है। तथा दूसरी स्वदेश दर्शन स्कीम योजना जोकि स्पेसिफक थीम पर आधारित पर्यटन सर्किट के इंटीग्रेटेड विकास के लिए है।
ये योजनाएँ केंद्र सरकार के नेतृत्व में बेहतर तरीके से देश की हेरिटेज सिटीज को विकसित करने के लिए एवं अधिक पर्यटकों को हासिल करने के लिए होगी। आप सभी जानते हो की Swadesh Darshan Yojana काफी चर्चा में इसका मुख्य कारण है। हाल ही में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थित PTSO झील पर किया गया। ये परियोजनाएँ हैं:
- भालुकपोंग-बोमडिला – तवांग परियोजना
- नाफ्रा-सेप्पा-पप्पू, पासा, पक्के घाटियाँ-संगडुपोटा – न्यू सांगली-जीरो – योम्चा परियोजना।
Contents
स्वदेश दर्शन योजना 2023 (Swadesh Darshan Yojana In Hindi)
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने एक योजना तैयारी की वह है स्वदेश दर्शन योजना जोकि स्पेसिफक थीम पर आधारित पर्यटन सर्किट के इंटीग्रेटेड विकास के लिए है। इस योजना के तहत विकास के लिए थीम सर्किट के रूप में आध्यात्मिक (Spiritual) सर्किट की पहचान की गई है। वे सर्किट्स इस प्रकार हैं:
- उत्तर – पूर्व सर्किट
- बुद्धिस्ट सर्किट
- हिमालय सर्किट
- कोस्टल सर्किट
- कृष्णा सर्किट
ये सर्किट्स, प्रमुख और रेलेवेंट पर्यटन स्थलों को एवं उसके आकर्षण को कवर करने के लिए है। यह संस्कृति, विरासत एवं स्पिरिचुअलिज्म का मिश्रण है।और साथ ही पर्यावरण पर्यटन देश को एक होलिस्टिक पर्सपेक्टिव देने के लिए है। पर्यटन, भारत के सरकारी खजाने में एक बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा का योगदान देता है। यह भारत में GDP का 6.8 प्रतिशत योगदान शेयर करता है।
स्वदेश दर्शन योजना महत्वपूर्ण बिंदु (Swadesh Darshan Yojana Important Points)-
- इस सरकारी योजना को अधिकारिक रूप से भारत की केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है।
- इतना ही नहीं इस सरकारी योजना के अंतर्गत, एक ही दौरे में विशिष्ट पर्यटक सर्किट का दौरा करने का अवसर मिलेगा।
- हम आपको बताना चाहते है की सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के शुरू होने से भारतीय पर्यटन और विभिन्न तीर्थ स्थलों के विकास को बढ़ावा देती है।
- इस योजना के अंतर्गत भारतीय पर्यटन और विभिन्न तीर्थ स्थलों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन सर्किट (Swadesh Darshan Yojana Tourism Circuit):
पर्यटन सर्किट का अर्थ कनेक्टेड प्लेसेस का बंच है जिसमें एक सिंगल टूर में विजिट किया जा सकता है। यह भारत में अधिकांश गोल्डन ट्रायंगल की तरह है। गोल्डन ट्रायंगल के अंतर्गत तीन बड़े शहर आते है, जिन्हें कवर किया गया वे है दिल्ली, आगरा और जयपुर। इसके अलावा पर्यटन सर्किट को एक मार्ग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो कम से कम तीन पर्यटन स्थलों में स्थित है और इनमें से कोई भी सेम टाउन, गाँव या शहर का नहीं है। पर्यटन सर्किट को अच्छी तरह से प्रवेश और निकास बिन्दुओं में परिभाषित किया जाना चाहिए। एक पर्यटक जो इन स्थानों में प्रवेश करता है उसे सर्किट में पहचानी गई जगहों पर विजिट करने के लिए प्रेरित होना चाहिए।
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स्वदेश दर्शन योजना के लक्ष्य-(Aims of Swadesh Darshan Yojana)-
स्वदेश दर्शन योजना के लक्ष्य इस प्रकार हैं:
- पहचान किये गए थीम बेस्ड सर्किट में इंफ्रास्ट्रक्चर का इंटीग्रेटेड विकास करना।
- विविध थीमेटिक सर्किट के साथ पूरा पर्यटन अनुभव प्रदान करना।
- गरीबों के हित में पर्यटन के दृष्टिकोण और कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट को फॉलो करना।
- लोकल कम्युनिटीज के बीच आय के स्त्रोतों में वृद्धी, जीवन स्तर एवं क्षेत्र के समग्र विकास की टर्म्स में पर्यटन के महत्व के बारे में बताते हुए उनमें जागरूकता पैदा करना है।
- पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन आदि को बढ़ावा देना है।
- रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास में इसके डायरेक्ट और मल्टीप्लायर प्रभाव के लिए हार्नेस पर्यटन क्षमता को बढ़ाना है।
स्वदेश दर्शन योजना की विशेषता (Features of Swadesh Darshan Yojana):
स्वदेश दर्शन योजना की विशेषता इस प्रकार है-
- यह योजना प्रोजेक्ट कंपोनेंट्स के लिए 100% सेंट्रली फंडेड है एवं पब्लिक फंडिंग के लिए शुरू की गई है।
- व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स की फंडिंग, एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवर्तित होगी, एवं PMC (कार्यक्रम प्रबंधक सलाहकार) द्वारा तैयार डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर फाइनलाइस्ड होगी।
- मिशन के उद्देश्यों और योजना के विज़न को चलाने के लिए अध्यक्ष के रूप में पर्यटन मंत्रालय के प्रभारी मंत्री के साथ NSC (रष्ट्रीय संचालन समिति) का गठन किया जायेगा।
- PMC मिशन निदेशालय द्वारा नियुक्त किये जाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सलाहकार होगा।
Notification: Swadesh-Darshan-Scheme-PIB
स्वदेश दर्शन प्रसाद योजना (Swadesh Darshan Prasad Scheme)-
भारत हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, और सूफीवाद की तरह कई धर्मों का देश है. यहाँ देश के विभिन्न हिस्सों में उनके तीर्थस्थल हैं। घरेलू पर्यटन का विकास काफी हद तक तीर्थयात्रा पर्यटन पर निर्भर करता है, जोकि धार्मिक भावनाओं के द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से प्रेरित है। प्रसाद योजना को भी भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सन 2014-15 में लांच किया गया था। प्रसाद योजना के तहत शुरूआती विकास के लिए 12 शहरों की पहचान की गई है। वे हैं:-
- अमृतसर (पंजाब)
- अजमेर (राजस्थान)
- द्वारका (गुजरात)
- मथुरा (उत्तर प्रदेश)
- वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- गया (बिहार)
- पूरी (ओडिशा)
- अमरावती (आंध्रप्रदेश)
- कांचीपुरम (तमिलनाडू)
- वेल्लान्कन्नी (तमिलनाडू)
- केदारनाथ (उत्तराखंड)
- कामख्या (असम)
तीर्थयात्रा पर्यटन के लिए सबसे बड़ी चुनौती इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाना है। जैसे- बजट होटल, सड़क, लास्ट माइल कनेक्टिविटी, सीवेज , स्वच्छता एवं साफ-सफाई, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, जागरूकता की कमी, एवं धार्मिक शिष्टाचार का विकास जोकि धार्मिक पर्यटकों द्वारा देखा जाता है आदि।
प्रसाद योजना के लक्ष्य एवं गाइडलाइन्स (Aim & Guidelines of Prasad Scheme):
Prasad Scheme: प्रसाद योजना के लक्ष्य एवं गाइडलाइन्स इस प्रकार हैं-
- प्राथमिकता के आधार पर बनाई गई योजना में तीर्थस्थलों का इंटीग्रेटेड विकास और पूरा धार्मिक अनुभव प्रदान करने के लिए यह योजना सस्टेनेबल तरीका है।
- इस योजना का लक्ष्य तीर्थस्थलों के विकास में, कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और गरीबों के हित में पर्यटन कॉन्सेप्ट को फॉलो करना है।
- लोकल कम्युनिटीज के बीच आय के स्त्रोतों में वृद्धी, जीवन स्तर एवं क्षेत्र के समग्र विकास की टर्म्स में पर्यटन के महत्व आदि के बारे में बताते हुए उनमें जागरूकता पैदा करना है।
प्रसाद योजना की विषेशता (Features of Prasad Scheme)-
प्रसाद योजना की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान यह योजना केन्द्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में लागू की जाएगी।
- योजना की निगरानी, रिव्यु और ओवरआल मार्गदर्शन की जिम्मेदारी के साथ एवं अध्यक्ष के रूप में पर्यटन मंत्रालय के प्रभारी मंत्री के साथ NSC (रष्ट्रीय संचालन समिति) का गठन किया जायेगा।
- डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट के प्रिपरेशन की जिम्मेदारी के साथ PMC मिशन निदेशालय द्वारा नियुक्त किये जाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सलाहकार होगा।
केंद्र सरकार ने केरल में स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना के अंदर अभी तक 550 करोड़ रूपए मंजूर किये थे। इसके अलावा, केरल राज्य में स्वदेश दर्शन योजना के तहत 6 परियोजनाएँ और प्रसाद योजना के तहत 1 परियोजना के लिए केन्द्रीय सरकार ने 175 करोड़ रुपये की स्वीकृती दे दी है।
Official Website: Swadesh-Darshan-Yojana-Portal

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