
Pradhan Mantri Van Dhan Yojana (PM-VDY) 2023-24 प्यारे पाठकों, आज हम आपके लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक कल्याण योजना से संबंधित जानकारी लेके आएं हैं। इस योजना का नाम “प्रधानमंत्री वन धन योजना” है। प्रधानमंत्री वन धन योजना, आदिवासी उत्पादों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से आदिवासी आय में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा की गई एक पहल है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आदिवासी समाज के आर्थिक विकास एवं वन धन का समुचित उपयोग करने में जनजातीय समुदाय की क्षमता का उपयोग देश के विकास हेतु करने के उद्देश्य से योजना का संचालन किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा आंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल 2018 को योजना के तहत पहला वन धन विकास केंद्र की स्थापना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थापित करने की घोषणा की गयी थी।
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प्रधानमंत्री वन धन योजना 2023
इस केंद्र में जनजाति वर्ग के 300 युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दिए जाने का प्रावधान किया गया है। योजना के अंतर्गत जनजातीय युवाओं को इमली, महुआ भंडारण, कलौंजी की साफ़-सफाई एवं पैकेजिंग की ट्रेनिंग देने के साथ हीं प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई एवं फसलों के मूल्य वर्धन से सम्बंधित जानकारी दी जायेगी। जिससे उनके कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और वन धन एवं आदिवासी जन धन का देश के विकास में पूर्ण रूप से उपयोग किया जा सकेगा। इस योजना का संचालन जनजातीय विकास मंत्रालय और (TRIFED) ट्राइबल कोआपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया के देख -रेख में किया जायगा। यह योजना आदिवासी जनजातीय वर्ग के युवाओं के कौशल विकास हेतु शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री वन धन योजना की जानकारी हिंदी में देखिए
PM Van Dhan Yojana Details – प्रधानमंत्री वन धन योजना जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई एक पहल है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा केंद्र स्तर पर नोडल विभाग के रूप में योजना क्रियान्वयन, राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में प्रशिक्षित, राज्य स्तर पर राज्य नोडल एजेंसी के लिए MFPs और जिला कलेक्टर जमीनी स्तर पर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । वित्तीय वर्ष के लिए, 2023-24 कुल बजट और कार्य योजना MSP की खरीद, अवसंरचना विकास, और वन धन विकास कार्यकम के लिए 1132.42 करोड़ रुपये है।
योजना का नाम | प्रधानमंत्री वन धन योजना |
शुरू किया गया | आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा |
फायदेमंद है | जनजातीय जगह और लोगों के लिए |
आधिकारिक वेब पोर्टल | https://tribal.nic.in/ |
पीएम वन धन योजना के लाभ-
Benefits of PM Van Dhan Yojana – वन धन योजना के लाभ निम्नलिखित प्रकार से हैं।
- इस योजना के तहत वन धन विकास केंद्र में जनजातीय वर्ग के युवाओं को वन धन ईमली,महुआ के फूल के भंडारण , कलौंजी की सफाई एवं अन्य माइनर फारेस्ट प्रोडक्ट्स जैसे शहद, ब्रशवुड, केन्स,टसर तथा आदिवासी क्षेत्र में पायी जाने वाली अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों के रख-रखाव की ट्रेनिंग एवं मार्केटिंग से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- जिससे जनजातीय वर्ग के युवाओं की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।
- और आदिवासी क्षेत्र का विकास होगा एवं जनजातीय वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- आदिवासी जनजातीय वर्ग की कार्य क्षमता का देश के विकास में योगदान प्राप्त किया जा सकेगा।
- वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी के लिए, लघु वन उत्पाद उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत हैं। इस योजना के तहत, आदिवासी को एमएफपी के संग्रह और मूल्य संवर्धन में आदिवासी समुदाय के प्रयासों के प्रति निष्पक्ष और पारिश्रमिक रिटर्न सुनिश्चित करके आजीविका बनाने और आय उत्पन्न करने का मौका मिलेगा।
- 30 आदिवासी के 10 स्वयं सहायता समूह गठित किए जाएंगे। इन समूहों को स्थायी कटाई / संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण मिलेगा।
- अपने स्टॉक को एकत्र करने के लिए समूहों में बनाया जाएगा और योजना में प्राथमिक प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
PM-VDY वन धन योजना का क्रियान्वयन-
Implementation of Van Dhan Yojana – वन धन योजना कवर कर रहे हैं उन सभी राज्यों में अनुसूची क्षेत्र और अनुसूची आदिवासी हैं जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुदुचेरी।
Central Govt Van Dhan Yojana PIB (Vikas Kendra): Click Here
भारत सरकार की वन धन योजना का लक्ष्य-
- वन धन केंद्र योजना के तहत आदिवासी युवाओं का प्रशिक्षण हेतु चयन स्वयं सहायता समूह (SHG) की सहायता से ट्राईफेड (TRIFED) करेगा।
- वन धन योजना के तहत देश भर के आदिवासी जिलों में कुल मिलाकर 3 हज़ार वन धन केंद्र की स्थापना किया जाएगा।
- प्रत्येक केंद्र में 10 जन जातीय वर्ग के स्वयं सहायता समूह गठित किये जायेगे प्रत्येक समूह में 30 सदस्य शामिल होंगे।
- स्वयं सहायता समूह के नेतृत्व समूह के सदस्य अपने उत्पादों की बिक्री अपने राज्य में और राज्य के बाहर भी करेंगे।
- जिसके लिए प्रशिक्षण एवं तकनिकी सहायता ट्राईफेड द्वारा मुहैया करवाया जाएगा।
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Sar Rajasthan mein Shahar Mein Koi scheme Ho To Aise ji ke liye Jarur batana aur Hamen is per message karna Nagar Nigam Rajgarh Churu ke liye n u l m 33 23 Rajgarh Churu
यह काम उत्तराखंड में करना बहुत ही सही साबित होगा, क्योंकि यहां गीलोई बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती हैं। इसके साथ ही यहां के लोगों को इसका ज्ञान भी है और इसका पूर्णतः अनुभव भी है। अगर ये काम उत्तराखंड में कोई करें तो बहुत ही अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है। साथ ही सरकार भी इसमें लोगों की मदद कर रही है, तो हम समझते हैं कि उत्तराखंड के लोगों की यह काम इस विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते बेहद मददगार साबित हो सकता है। साथ ही यह व्यवसाय का एक अच्छा विकल्प बन सकता है!!!!!