Women Helpline 2023- सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाने की योजना

Police Stations Women Help Desk Details: नमस्कार दोस्तों, जैसे कि आप देखते होंगे की आये दिन महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों को कम करने के लिए बहुत बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत देशभर के सभी थानों में मोदी सरकार ने महिला हेल्प डेस्क बनाने की योजना के निर्देश दे दिये हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहें आपराधिक घटनाओं को देखते हुए बनाए जाने वाले हेल्प डेस्क के लिए सरकार ने फंड भी जारी कर दिया है। जैसा की आप सभी जानते हैं की अभी हाल ही में हुए हैदराबाद कांड और इससे पहले महिलाओं के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं ने देश के लोगों के गुस्से को बढ़ा दिया है और लोगों की मांग भी थी की सरकार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाए।

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Women Helpline Number (All Police Station)

महिला सुरक्षा पर मोदी सरकार का यह फैसला सराहनीय तो है पर हमारे देश के प्रधानमंत्री जी को और भी बड़े कदम उठाने होंगे। जिससे भविष्य में भी ऐसे काम को अंजाम देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और अपराधियों के मन में डर बैठे। लोगों की मानें तो ऐसे अपराधों में मौत की सजा से कम सजा तो होनी ही नहीं चाहिए। महिला हेल्प डेस्क (हेल्पलाइन नंबर) बनाने की योजना को देश में सभी राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों में भी शुरू किया जाएगा। अभी के लिए इस योजना में 100 करोड़ की राशि निर्भया फंड से मंजूर की गई है और आने वाले समय में इसे बढ़ाया जा सकता है।

Police-Station-Women-Help-Desk-By-Modi-Govt

सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाने की योजना

Plan to make Women Help Desk in all Police Stations – देश में महिलाओं के लिए पुलिस स्टेशनों को अनुकूल और पहुंच योग्य बनाने के लिए महिला सहायता (हेल्प डेस्क) बनाने का फैसला लिया गया है। जिससे कोई भी महिला पुलिस थाने में अपनी शिकायत इन महिला डेस्कों पर कर सकेंगी। इन महिला डेस्कों (Women Help Desk) पर केवल महिला पुलिस कर्मी अधिकारी को ही तैनात किया जाएगा। यानि उनका वहाँ पर होना अनिवार्य होगा। महिला हेल्प डेस्क के अधिकारियों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

महिला सुरक्षा पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला

Modi Govt Big Decision Over Women’s Safety – ये महिला हेल्प डेस्क कानूनी सहायता, परामर्श, आश्रय, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि की सुविधा देने के लिए वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, गैर सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों के पैनल को सूचीबद्ध करेगी। इन सभी का इस्तेमाल महिलाओं की मदद करने में किया जा सकेगा। बता दें केंद्र का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश में एक के बाद एक महिलाओं के साथ रेप और बर्बर तरीके से हत्या के मामले सामने आ रहे हैं पूरे देश में इन घटनाओं के कारण रोष व्याप्त है।
आप लोग ऐसी घटनाओं के बारे में कमेंट करके अपने सुझाव बता सकते हैं कि सरकार को और क्या-क्या कदम उठाने चाहिए। जिससे की ऐसी घटनाओं में रोक लगाई जा सके। इसके साथ ही हमे खुद भी जागरूक होने की जरुरत है। हमारी वेबसाइट रीडरमास्टर.कॉम में आने के लिए धन्यवाद-

 

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