Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2023-2024 Online Registration Form is now available on the official website at pmfby.gov.in. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन २०२३ की पूरी जानकारी प्रदान कर रहे हैं। साथ ही आपको पी एम फसल बीमा स्कीम लिस्ट व क्लेम फॉर्म PDF का डायरेक्ट डाउनलोड लिंक भी प्रदान करेंगे। जैसे की आपको विदित होगा कि “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)” नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि बीमा योजना है। केंद्र सरकार कठिनाई के समय किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
किसान पंजीकरण के लिए कृषि बीमा का ऑनलाइन पोर्टल पहले से ही agri-insurance.gov.in पर मौजूद है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता भारी बारिश, अन्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण क्षतिग्रस्त फसलों की घटनाओं में प्रदान की जाती है। यह योजना पूरे देश में लागू की जा रही है और किसान इस योजना का लाभ आसानी से उठा सकते हैं।
Contents
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2023 (PMFBY)
सरकार द्वारा फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम बीमित राशि को खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत तक कम किया गया है। इच्छुक किसान कृषि और सहकारिता विभाग और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा PM Crop Insurance Portal की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खुद को ऑनलाइन पंजीकृत कर सकते हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब किसानों को सहायता प्रदान करना है जब उनकी खड़ी फसल किसी कारण से ख़राब या क्षतिग्रस्त हो जाए। फसल बीमा योजना २०२३ के तहत खरीफ व रबी दोनों फसलों के लिए बीमा कवर दिया जाता है। अगर आप भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2023 के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) करना चाहते हैं तो नीचे खंड में हम आपको PMFBY Registration की पूरी प्रक्रिया साझा कर रहे हैं। साथ ही PM Crop Insurance Scheme Online Application From भी नीचे खंड में दिया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2023
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Registration (PMFBY) – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक किसान के रूप में ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए, कृषि फसल बीमा पोर्टल pmfby.gov.in की ऑफिसियल वेबसाइट पर Login करें और फिर सभी आवश्यक विवरण भरें। लिंक नीचे उल्लिखित है:
- इच्छुक किसानों को किसान पंजीकरण पृष्ठ पर नाम, पूरा पता (राज्य, जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत, एवं गांव सहित) जैसे सभी बुनियादी विवरण भरने की जरूरत है।
- फसल बीमा योजना नीति राशि सीधे बैंक खाते में प्राप्त करने के लिए भूमि और बैंक विवरण भी भरने की आवश्यकता है।
- किसानों को पूरा फॉर्म भरने और सबमिट करने के बाद, एक आवेदन संख्या प्रदान की जाएगी जिसका उपयोग वे भविष्य में अपने आवेदन को ट्रैक, संशोधित या प्रिंट कर सकते हैं।
- पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसान के आवेदन में भरे जाने वाले विवरणों का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है।
- फसल बीमा योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी और स्थिति देखने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एंड्रॉइड ऐप भी जारी किया है। PMFBY App (APK) डाउनलोड करने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
फसल बीमा योजना दिशानिर्देश पीडीएफ डाउनलोड करें
PMFBY Application Form & Guidelines PDF – पीएम फसल बीमा योजना के लिए दिशानिर्देश आधिकारिक कृषि बीमा वेबसाइट (PMFBY Official Portal) से हिंदी और अंग्रेजी भाषा में पीडीएफ प्रारूप में डाउनलोड किए जा सकते हैं। नीचे हिंदी और अंग्रेजी में पीएमएफबीवाई दिशानिर्देश पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए सीधा लिंक हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2023-24 ऑनलाइन आवेदन स्थिति देखने और योजना की अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक में क्लिक करके पूरी जानकारी विस्तार से लें।
CHECK PM FASAL BIMA YOJANA STATUS
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (New Update)
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना से 5 करोड़ से भी ज़्यादा किसान हर साल जुड़ रहे हैं। ये हर प्राकृतिक आपदा या अन्य नुकसान की स्थिति में किसान को उचित मुआवजा दिलवा कर फ़सल के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है।
- संपर्क करे: 1800-180-1551
- PMFBY REVAMPED OPERATIONAL GUIDELINES PDF
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना से , ५ करोड़ से भी ज़्यादा किसान हर साल जुड़ रहे हैं। ये हर प्राकृतिक आपदा या अन्य नुकसान की स्थिति में किसान को उचित मुआवजा दिलवा कर फ़सल के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है।
संपर्क करे – 18001801551 #फसलबीमा #pmfby #आत्मनिर्भरकिसान pic.twitter.com/UxYeSBXN0v— Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (@pmfby) August 3, 2020
Key Highlights of PMFBY Online Registration 2023 List
योजना का नाम | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना |
सम्बंधित विभाग | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार |
नवीतम वर्ष | 2023-2024 |
उद्देश्य | देश के किसानों को सशक्त बनाना |
लाभार्थी | सभी छोटे व सीमांत किसान |
सहायता राशि | 2 लाख रुपये तक का फसल बीमा |
ऑनलाइन आवेदन शुरू | आरंभ है |
आवेदन की अंतिम तिथि | 31 जुलाई (खरीफ फसल के लिए) |
हेल्पलाइन नंबर | 1800-180-1551 (Toll-free) |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmfby.gov.in/ |
Crops & Premium In PMFBY Scheme 2023
क्रमांक | फसल का प्रकार | किसान द्वारा देय बीमा राशि का प्रतिशत |
1 | खरीफ | 2.0% |
2 | रबी | 1.5% |
3 | वार्षिक वाणिज्यिक एवं बागवानी फसले | 5% |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Activity Calendar)
गतिविधि कैलेंडर | खरीफ | रबी |
अनिवार्य आधार पर लोनी किसानों के लिए स्वीकृत ऋण | अप्रैल से जुलाई तक | अक्टूबर से दिसम्बर तक |
किसानों के प्रस्तावों की प्राप्ति के लिए कट ऑफ़ तारीख (ऋणदाता और गैर-ऋणदाता) | 31 जुलाई | 31 दिसम्बर |
उपज डेेटा प्राप्त करने के लिये कट आफ तारीख | अतिंम फसल के एक महीने के भीतर | अतिंम फसल के एक महीने के भीतर |
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana – Revised Premium
प्रीमियम का प्रकार | वर्ष 2016 के लिये | वर्ष 2019 के लिये |
किसान द्वारा देय प्रीमियम धनराशि | 900 रुपए | 600 रुपए |
शत प्रतिशत नुकसान की दशा मे किसान को प्राप्त धनराशि | 15,000 रुपए | 30,000 रुपए |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्लेम फॉर्म PDF
यदि आपकी फसल को भी नुकसान पहुंचा है तो आप नीचे दी गई आसान सी प्रक्रिया का पालन करके Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2023 के तहत बीमा राशि का क्लेम कर सकते हैं।
- सर्वप्रथम किसान को फसल के पहुंचे नुकसान की जानकारी इंश्योरेंस कंपनी, बैंक या फिर राज्य सरकार अधिकारी को देनी होगी।
- यह जानकारी किसान को टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके नुकसान होने के 72 घंटे के भीतर देनी होगी।
- यदि आपने इंश्योरेंस कंपनी के अलावा किसी और को नुकसान की जानकारी दी है तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जल्द से जल्द यह जानकारी इंश्योरेंस कंपनी तक पहुंचाएं।
- जैसे ही इंश्योरेंस कंपनी तक यह जानकारी पहुंचेगी, इंश्योरेंस कंपनी 72 घंटे के भीतर नुकसान निर्धारणकरता नियुक्त करेगी।
- अगले 10 दिन के भीतर आपकी फसल को पहुंचे नुकसान का आकलन सम्बंधित प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा।
- यह सारी प्रक्रिया सफलतापूर्वक हो जाने पर 15 दिन के अंदर बीमा की राशि आपके खाते में पहुंचा दी जाएगी।
पंजीकरण करने के लिए महत्वपूर्ण तिथियां

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री द्वारा शुरू योजनाओं की सूची 2023-24 PDF
दोस्तों, यहाँ हमने आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Online Registration 2023) के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है। यदि आपके पास इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न है तो नीचे अपनी टिप्पणी सबमिट करें। हम आपकी पूरी सहायता करेंगे। हमारी वेबसाइट www.readermaster.com में आने के लिए धन्यवाद, अधिक अपडेट के लिए बने रहें।
Pankajalouli12gmail. Com
फसलों का फूल बीमा हे तो फिर आत्महत्या क्यों?
“प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना,- बीमा कम्पनियों के लिए तो “सोने का अंडा” देने वाली साबित हो रही है, किन्तु किसान इस योजना का शिकार बन गया है। बीमा कम्पनियां तो मालामाल हो रही है,ओर प्रीमियम जमा करने वाले बीमा धारक किसान बर्बाद हो रहे हे। इस समय किसान पर प्राकृतिक आपदा ओर बीमा प्रीमियम की दोहरी मार पड़ रही है। कैसे ये कम्पनियां अरबों रुपए हर सीजन में कमा रही है। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत्त तीन वर्षो में ही इन बीमा कम्पनियों ने 25 हज़ार करोड़ कमाए हे।इनकी लॉबिंग इतनी तगड़ी होती है कि बेचारे किसानों को अंदाज ही नहीं होता कि जिन्हें हम खैवन हार समझते है वे ही इन कम्पनियों को, किसानों को लूटने की छूट दे रहे हे।आज तक किसी भी पार्टी या किसान संगठन के नेता ने फसल बीमा दावा राशी किसानो को दिए जाने की मांग नहीं की ? कभी किसी नेता,पार्टी, संगठन ने कम्पनियों से बीमा दावा राशी दिलाने के लिए धरना,आंदोलन,हड़ताल सड़क जाम नहीं की ? क्यों कि बीमा कम्पनियों ने सबके मुंह बंद कर रक्खे है।सभी नेता सरकारी खजाने से सहायता राशी /मुवावजे की मांग करते हे बीमा कम्पनी से बीमा दावा राशी दिलाने की मांग कभी नहीं करते।बीमा कम्पनी का नाम भी उनकी जुबान से नहीं निकलता?फसल खराब होने पर बीमा राशी लेना किसान का अधिकार हे।उसने प्रीमियम चुका कर अपनी फसल का बीमा करवाया हे।जैसा हम,मकान, दुकान, वाहन का करवाते हे,उसी तरह प्रीमियम चुका कर किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हे। प्राकृतिक आपदा से फसल पूर्ण या आशिंक नष्ट होने पर, किसान को बीमित फसल के मूल्य का नुक़सान प्रतिशत के हिसाब से बीमा क्लेम लेना उसका अधिकार है,लेकिन सब की मिलीभगत ओर प्रशासन की लापरवाही के कारण बीमित होने के बावजूद बीमा राशी से किसान वंचित रह जाता है,ओर नतीजतन आत्महत्या। बीमा अधिनियम के प्रचालन मार्गदर्सिका के कंडिका v के अनुसार, फसल नुकसानी के आंकलन का कार्य राज्य सरकार को करना हे ओर,समय समय पर स्मार्ट फोन जीपीएस आदि उच्च तकनीकियों को अपनाना है ओर उसके लिए पर्याप्त धन भी उपलब्ध करवाना हे। यही एक छोटा सा काम वह ईमानदारी और मुस्तैदी से अपने कर्मचारियों से नहीं करवा पा रही है,या करवाना नहीं चाहती।आईये समझते है फसल बीमा केसे होता। है ओर दावा राशी केसे मिलती है -2016 में प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना लांच की गई ओर इसके नियम कानून बना कर योजना को लागू करने के तरीकों को ऑपरेशनल गाइड लाइन के माध्यम से अच्छी तरह से स्पष्ट किया गया है।ऑपरेशनल गाइडलाइन के अनुसारसरकारें, प्रत्येक वर्ष फसल बीमा करने की इच्छुक,दावेदार कम्पनियों में से किसी एक का चुनाव करके उन्हें राज्य में फसल बीमा करने के लिए अधिकृत करती हे।कम्पनी, राज्य शासन द्वारा जिलेवार अधिसूचित फसलों का बोनी के कुछ दिन पश्चात किसानों से व्यक्तिगत आधार पर बीमा करना शुरू करती है,जिसके लिए वह किसान से बोई गई फसल का नाम, रकबा, बोनी दिनांक,आधार,खाता खसरा,ओर बैंक खाता,का विवरण ओर प्रीमियम राशी किसान से मांगती हे।।चूंकि किसान ओर उसकी जमीन की ये सारी जानकारी कृषि ऋण देने वाली बैंक के पास पहले से ही होती है इस लिए बीमा कम्पनी सीधे बैंक से ही जितनी जमीन पर किसान ने ऋण लिया है उतनी जमीन पर फसल बोई गई है यह मानकर सारी फसल का बीमा करके बीमा की प्रीमियम/किश्त की राशी किसान के ऋण खाते से सीधे ले लेती है। (इन सब की फोटो कॉपी दे कर आऋणी किसान भी प्रीमियम के नगद रुपए जमा कर अपनी फसल का बीमा करवा सकता है।)प्रीमियम राशी निर्धारण के लिए गाइड लाइन में फार्मूले बना दिए हे जिनके अनुसार ही की बात आती है,तो राज्य सरकार प्रत्येक गांव का प्रति हेक्टर ओसत उत्पादन का निर्धारण उस गांव के सात वर्षों के फसल कटाई प्रयोग परीक्षण के आधार पर करती हे।फसल कटाई प्रयोग का मतलब है,प
्रत्येक वर्ष पटवारी हल्का या गांव के सारे खेतों में से भू अभिलेख कार्यालय से दिए चार से छह खेतों में 5×5 मीटर के प्लॉट एरिया में से पकी हुई सुखी फसल को काट कूट कर वजन करता है,ओर सभी प्लॉट का ओसत निकालता है। इसी ओसत के ऐसे सात वर्षों के ओसत उत्पादन को उस ग्राम का ओसत उत्पादन या थ्रेश होल्ड येल्ड माना जाता है।मान ले किसी पूरे गांव का ओसत उत्पादन फसल कटाई प्रयोग के आधार पर 11 क्विंटल प्रति हेक्टर हे,तो आपकी फसल का बीमा भी 11क्विंटल प्रति हेक्टर के हिसाब से ही होगा।(फिर चाहे गांव का कोई किसान 25 क्विंटल/हे, पैदा कर रहे हो)।अब 11क्विंटल का मूल्य मंडी भाव के वार्षिक ओसत से निकाला जाएगा। मानलो मंडी का वार्षिक ओसत 4000/रुपए आया तो 44000/आपकी कुल फसल 44000/की कीमत होती हे।(जैसे कार का बीमा उसकी वर्तमान कीमत के आधार पर होता है।) गाइड लाइन के फार्मूले से कुल फसल की कीमत की कुछ प्रतिशत राशी, प्रीमियम राशी के रूप में, सरकार निर्धारित करती है।प्रीमियम राशी में, कुछ भाग किसान से कुछ राज्य सरकार ओर कुछ केंद्र सरकार से बीमा कम्पनी लेती हे।अब,44000/रुपए की बीमित फसल का कितना नुक़सान हुआ है उसका निर्धारण केसे होता है,यह समझ ले।नुक़सान का निर्धारण करने के लिए राज्य सरकार को ही अधिकृत किया गया है। राज्य सरकार(पटवारी ओर ग्राम सेवक से) ही प्रत्येक गांव/ हल्का में स्थित सभी खेतों में से राजस्व विभाग द्वारा चयनित किन्हीं 6 खेतों में,फसल पकने पर, फसल कटाई प्रयोग (CCE crop cutting experiment)के लिए 5×5 मीटर एरिया के चार से छह प्लॉट की फसल काट कूट कर दानों का वजन तोल कर उस वर्ष का गांव का प्रति हेक्टर उत्पादन आंकती हे,ओर उसके आंकड़े बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराती है।(खेत मालिक को रिपोर्ट की एक प्रति देना अनिवार्य है)उन्हीं आंकड़ों के आधार पर बीमा कम्पनी किसानो को बीमा राशी देती है।यही 5×5 के टुकड़े का काम राज्य सरकार ठीक से नहीं कर पा रही हे।फसल नुकसानी के प्रतिशत का आधार होता है उस गांव का पिछले पांच से सात वर्षो का ओसत उत्पादन।चयनित खेतों में,5×5 मीटर के प्लाट एरिया की फसल काट कुट कर पटवारी उसका वजन कर चारों प्लाट का ओसत निकाल कर प्रति हेक्टयर उपज निकालते है।इस तरह से निकाले गए पिछले पांच से सात वर्षों के ओसत को ही उस गांव की ओसत उपज माना जाता हे।मान,ले कि 5×5 प्लाट एरिया की उपज आई 2 किलो तो उसका चार सो गुना उपज प्रति हेक्टर होगी यानी 800 किलो(8क्विंटल) इसी तरह 5 किलो की होगी 2000 किलो यानी 20 क्विंटल प्रति हेक्टर।इन आंकड़ों को पटवारी,भू अभिलेख कार्यालय के पोर्टल पर डालते है।पटवारी द्वारा डाले गए इन आंकड़ों को भू अभिलेख कार्यालय के पोर्टल से बीमा कम्पनी सीधे उठा लेती है।यदि उस गांव की ओसत उपज की 70% या उससे कम उपज निकल ती हे तो जितने प्रतिशत कम उपज आती है उतने प्रतिशत बीमा राशी उस गांव के सारे किसानों के खाते में जमा करती हे।अब समझते हे कि फसल में नुक़सान होने पर भी बीमा राशी क्यों नहीं आती है?1.सभी गांवों की ओसत उपज पहले से ही राजस्व रिकार्ड में कम करके लिखी हुई है,दस साल पहले जो उपज होती थी उसी को थोड़ी हेर फर करके पटवारी घर पर बैठे बैठे ही भर देते हे।वर्तमान में मप्र के किसी भी गांव की सोयाबीन की ओसत उपज 12-14 क्विंटल/हेक्टर से अधिक नहीं है जबकि बहुत से गांव में 15 से 25 क्विंटल हेक्टर तक ओसत उपज ले रहे हे।2. जो गांव सोयाबीन की 15 से 25 क्विंटल/हेक्टर उपज ले रहे हे पटवारी उस गांव की यदि इतनी ओसत उपज जो कि वास्तविक हे, फीड करते तो नुक़सान वाले वर्ष में यदि 10-12 क्विंटल उपज आती तो 50% बीमा राशी मिल जाती,ओर यदि फसल पूर्णतः नष्ट हो जाती है तो 100% राशी मिलती,फिर किसान को आत्महत्या करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। आ प दा वाले वर्ष में फसल ना पके तो गांव के सभी किसानों को पूरी उपज की कीमत के बराबर बीमा मिलता। कर्मचारियों की लापरवाही के कारण
रिकार्ड में ही ओसत उपज आधी-10-12 क्विंटल/प्रति हेक्टर चढ़ाई हुई हे,ओर आपदा वाले वर्ष में यदि 10-12 ही आती है तो नुक़सान कहां से दिखेगा? वहां तो 100% फसल उपज दिखेगी।फिर बीमा कहां से मिलेगा?इसी तरह की लापरवाही आत्महत्या का कारण बनती है।3. 5×5 मीटर के प्लॉट एरिया से प्राप्त उपज के आंकलन को ही आनावारी या गिरदावरी या थ्रेश होल्ड येल्ड कहते हे। इसी 5×5 प्लॉट का सब खेल हे । यही आ ना वा री उपज सात वर्ष की जितनी अधिक होगी उतना बीमा क्लेम अधिक मिलेगा इसी प्रक्रिया को गांव वाले पटवारी ओर अधिकारियों से ठीक तरह से अगले प्रत्येक वर्ष करवाले तो आपदा वाले वर्ष में बिना मांग, धरना, आंदोलन, जाम, किए ही बीमा राशी मिलना ही हे। ओर यह प्रक्रिया अगर ठीक से नहीं हुई तो कितना भी करलो बीमा नहीं मिलना हे।
मनोहर सिंह चंदेल (एम.ए.भूगोल)
23 A silicon। City Indore MP452012 [email protected]
sir uid kya hoti h esme
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।इस योजना को विस्तार से बताने के लिए ।
Kb tk mile ga
Sarkari yaojna ka labh lena chahte hai lelkin mil nahi pata
GHANSHYAM Ahirwar
7489934959
महोदय निवेदन यह है कि उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी विकासखंड रामनगर के अंतर्गत ग्राम चांदपुर का मूल निवासी हूं महोदय ओलावृष्टि से भारी बारिश होने के कारण हमारी फसल नष्ट हो गई हमने बैंक से केसीसी बनवाई थी जिससे फसल की बुवाई की थी दैवी प्रकोप कहा जाए या ऊपर वाले का कहर हम किसानों पर टूट पड़ा अतः माननीय प्रधानमंत्री महोदय से विनम्र अनुरोध और निवेदन है हम फसल बीमा के अंतर्गत हमारी फसल का कुल मुआवजा दिया जाए और कर्ज को माफ किया जाए
सर जी हमारे खरीफ फसल के क्लेम नही मिला राज्य राजस्थान जिला बाडमेर तहसील पचपदरा गाँव कोरना
Bima ka paisa kissan ko nahi milta Bank wale kha jaattey hai.
Hello Sir, Indu Devi pati mintu thakur bihar bhagwanpur khajuri post pasatara Anshul patepur jila Vaishali Nagar pin code 843114 addhar nabar 788903558418 khata nabar 36052734069 IFSC code 0008396
Sir jalore sanchore me kab milega bhima
IS BAAR PAKI HUE FASAL PAR BHAT=RI BARISGH HONE SE MERI FASAL KHARAB HO GAYI HAI MUJE CLAIM KE LIYE KYA KARNA HAI