
One Nation One Election Details: वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पार्टी मेनिफेस्टो में प्रस्तावित किया था। 17 वी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद, अब प्रधानमंत्री मोदी एक राष्ट्र एक चुनाव के कानूनी प्रावधान, संवैधानिक संशोधन, सुविधाएँ, लाभ और नुकसान का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाने की योजना बना रहे हैं। वन नेशन वन इलेक्शन की अवधारणा यह है कि केंद्र सरकार लोकसभा और विधानसभा में एक साथ चुनाव कराना चाहती है। मोदी 2.0 सरकार का दावा है कि एक साथ चुनाव से बड़ी मात्रा में धन, जनशक्ति, सरकारी व्यय को कम करने, विकास कार्यों के लिए अधिक समय, पार्टी के खर्च को कम करने, सुरक्षा बलों की बेहतर तैनाती होगी।
इस लेख में हम आपको एक राष्ट्र एक चुनाव – वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान कर रहे हैं। जैसे कि एक राष्ट्र एक चुनाव क्या है और इसको लागु करने के बाद, क्या फायदा और नुकसान होंगे आदि विवरण आपको नीचे मिल जायेंगे। कृपया इसके लिए पूरा आर्टिकल अंत तक ध्यान से पढ़ें।
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एक राष्ट्र एक चुनाव क्या है (What Is One Nation One Election)?
इसे एक साथ चुनाव के रूप में भी जाना जाता है जिसके तहत सभी विधान सभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक समय में होते हैं। मतदाता एक ही चुनाव बूथ पर एक ही समय में एमएलए और सांसद उम्मीदवार के लिए वोट करेंगे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है, जिनके पास एक राष्ट्र एक चुनाव अवधारणा पर चर्चा करने के लिए लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम एक सांसद है।
वन नेशन वन इलेक्शन के लाभ (Advantages of One Nation One Election)-
- सरकारी व्यय की बचत: हमारे देश में हर 6 महीने के अंतराल के बाद, विधानसभा चुनाव होते हैं और इस चुनाव के संचालन के लिए चुनाव आयोग द्वारा बड़ी मात्रा में धन खर्च किया जाता है। यदि एक साथ पोल लागू होगा तो यह सरकारी व्यय को बचाएगा।
- समय की बचत: किसी भी राज्य के चुनाव को आयोजित करने में 6 महीने से अधिक का समय बर्बाद होता है। इस समय अवधि के तहत, कोई विकास कार्य नहीं होते हैं।
- सरकारी कार्यकाल में बढ़त: यह प्रस्ताव आदर्श आचार संहिता के आवेदन को रोक देगा और सरकारी कार्यों के कार्यकाल को बढ़ाएगा।
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एक राष्ट्र एक चुनाव के नुकसान (Disadvantages of One Nation One Election)-
Simultaneous Election – चुनाव ड्यूटी के लिए अर्धसैनिक बलों की ताकत बढ़ाने सहित कई प्रशासनिक व्यवस्थाएं एक साथ चुनाव कराने के लिए आवश्यक हो सकती हैं। केंद्र सरकार को वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को लागू करने के लिए कानूनी प्रावधान और संवैधानिक संशोधन करने होंगे।

क्या एक राष्ट्र एक चुनाव (One Nation One Election) को लागू करने की आवश्यकता है?
Implementation – संसद के ऊपरी और निचले सदनों से वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव पास होने के बाद, केंद्र सरकार द्वारा कई संवैधानिक संशोधन और कानूनी प्रावधान किए जाएंगे। उसके बाद, भारत में एक साथ चुनाव शुरू होने की संभावना है।
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क्या विधानसभा और लोक सभा का ही एक साथ चुनाव होगा और ग्राम पंचायत का नही
नमस्कार योगेंद्र जी,
एक राष्ट्र एक चुनाव के तहत सरकार लोक-सभा और विधान-सभा के इलेक्शन एक साथ करना चाहती है। इसमें ग्राम-पंचायत के चुनाव शामिल नहीं है। ग्राम-पंचायत या नगर पालिका के चुनाव जैसे पहले अलग से होते थे, उसे ही होंगे। अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
Sarkar Yojana 2019-20