Mukhyamantri Ghasyari Kalyan Yojana 2023 – उत्तराखंड सरकार जल्द ही एक नई मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना (MGKY) 2023 शुरू करने जा रही है। इस घस्यारी कल्याण योजना में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करने वाली हजारों महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। योजना की घोषणा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी, जिसको बाद में कैबिनेट ने पूरे राज्य में लागू कर दिया। दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे कि ये CM Ghasyari Kalyan Yojna क्या है और इसका लाभ कैसे मिलेगा? तो निश्चित हो जाएं, यहाँ हुमा आपको आपको मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की संपूर्ण जानकारी के बारे में बताएँगे। जैसे कि योजना का लाभ किन महिलाओं को मिलेगा, आवश्यक पात्रता एवं दस्तावेज, योजना हेतु आवेदन/ पंजीकरण प्रक्रिया आदि।
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Mukhyamantri Ghasyari Kalyan Yojana 2023
उत्तराखंड मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत 7,771 केंद्रों के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारे की आपूर्ति की जाएगी। इन क्षेत्रों में पशुपालकों को पैक्ड सिलेज और कुल मिश्रण राशन (टीएमआर) प्रदान किया जाएगा। सीएम घस्यारी कल्याण योजना (MGKY) उन महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत होगी, जिन्हें जंगल से चारा इकट्ठा करते समय कष्टों और खतरों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि उत्तराखंड राज्य में जो महिलाएं जंगल से घास यानि चारा लाती है, उन्हें क्षेत्रीय भाषा में “घस्यारी” नाम से भुलाया जाता है। इसलिए इस योजना का लाभ ऐसी महिलाओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए कैबिनेट की मंजूरी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति ने 25 फरवरी 2021 को इस घस्यारी कल्याण योजना को मंजूरी दे दी। सूबे में इस योजना को मंजूरी कैबिनेट बैठक में लिए गए 7 अहम फैसलों में से एक थी। जैसा कि विधानसभा सत्र अधिसूचना जारी की गई है, कैबिनेट बैठक के बाद कोई औपचारिक मीडिया ब्रीफिंग नहीं थी। इसके साथ ही कई अन्य राज्य कल्याणकारी योजनाओं में भी चर्चा की गयी। प्रदेश में लगातार बढ़ते पालयन और कोरोना काल में हुए राज्य के आर्थिक नुकसान के बारे में भी कई ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया गया।
लेटेस्ट अपडेट – उत्तराखंड की मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना (MGKY) का शुभारम्भ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परेड ग्राउंड, देहरादून में किया। इस महिला कल्याण योजना के अंतर्गत पशुपालकों को पशुओं के लिए 25 से 30 किलो पशुआहार के वैक्यूम पैक्ड बैग दिए जायेंगे।
Ghasyari Kalyan Yojana 2023 Uttarakhand – Highlights
योजना का नाम | मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना (MGKY) |
शुरू की गयी | उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत जी द्वारा |
घोषणा की गयी | 25 फरवरी 2021 |
उद्देश्य | राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना |
लाभार्थी | पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करने वाली घस्यारी महिलाएं |
मुख्य लाभ | पशुपालकों को पैक्ड सिलेज चारा |
आधिकारिक वेबसाइट | https://uk.gov.in/ |
लेख श्रेणी | राज्य सरकार योजना |
उत्तराखंड घस्यारी कल्याण योजना का क्रियान्वयन
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड कैबिनेट ने अगले वित्तीय वर्ष में Mukhyamantri Ghasyari Kalyan Yojana (MGKY) के लिए 16.78 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। राज्य सरकार ने पहले ही मक्का की सहकारी खेती की व्यवस्था की है, जिससे लाभार्थियों को इसकी आपूर्ति के साथ-साथ सिलेज और टीएमआर के उत्पादन की सुविधा मिलती है। रावत सरकार का इरादा इस योजना के तहत पशु चारे को 3 रुपये प्रति किलोग्राम पर देने का है।
- अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना 2023 पंजीकरण
- उत्तराखंड श्रमिक कार्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2023 ऑनलाइन आवेदन
- वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना 2023 की मुख्य विशेषताएं
- Mukhyamantri Ghasyari Kalyan Yojana 2023 के तहत, महिलाओं को चारा पत्ती के लिए जंगल में जाने की ज़रूरत नहीं है, जिसके लिए जानवरों का पौष्टिक भोजन सब्सिडी दरों पर दिया जाएगा।
- उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों के पशुधन किसानों को उनके घर पर पैकेज्ड साइलेज, टोटल मिक्स्ड राशन टीएमआर दिया जाएगा।
- इसका उद्देश्य महिलाओं को रियायती दरों पर सिलेज और टीएमआर फीड ब्लॉक देकर चारा के कार्य से मुक्त करना है।
- पशुओं को चारा के लिए जंगल में भटकना नहीं पड़ेगा।
- पशु स्वास्थ्य और दूध की उपज में दोहरा लाभ होगा।
- 2000 से अधिक किसान परिवारों को उनकी जमीन के 2000 एकड़ से अधिक मक्का की सामूहिक सहकारी खेती से जोड़ा जाएगा। मक्का उगाने वाले किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
- मवेशी भी अपने पशुओं के लिए पौष्टिक चारा प्राप्त करेंगे और पहाड़ों में महिलाओं के सिर से बोझ कम हो जाएगा।
उत्तराखंड में इस संपूर्ण Mukhyamantri Ghasyari Kalyan Yojana की लागत 19 करोड़ रुपये है।
महिलाओं को जंगल में चारा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा
इससे पहले, त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने भी पति की भूमि में महिलाओं को सह-लेखाकार बनाने की अपनी योजना को मंजूरी दे दी है। पर्वतीय क्षेत्रों का अर्थशास्त्र महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमता है। चारे के लिए जंगल में भटकना, सुबह और शाम के लिए लकड़ी एक बड़ी समस्या रही है। जंगल के रास्ते पर, कभी-कभी जंगली जानवरों के हमले, कभी-कभी पहाड़ी से गिरने और मौत, जैसे कि दुर्घटना के दिन होते हैं।
Political Meaning of MGKY Scheme – इस योजना के कई बड़े राजनीतिक मायने भी हैं। उत्तराखंड में महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या समान है। चुनावी आंकड़ों से पता चलता है कि जब भी उत्तराखंड में मतदान हुआ, महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुष मतदाताओं से भी अधिक रहा है।
अमित शाह ने दी मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को हरी झंडी
केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को उत्तराखंड के एक दिवसीय दौर पर हैं। इस दौरान उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कई कैबिनेट मिनिस्टर भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि Mukhyamantri Ghasyari Kalyan Yojana 2023 से माताओं और बहनों का जीवन आसान होगा। पशुओं के लिए पौष्टिक चारा घर पर ही उपलब्ध होगा। हमारी सरकार ने जो घोषणा की, उनका शासनादेश भी जारी किया। विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24 हजार पदों पर भर्ती एवं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोविड वैक्सीन की शतप्रतिशत डोज का लक्ष्य भी पूरा कर लिया गया है।
उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य निर्णय
राज्य कैबिनेट ने निजी सहायता प्राप्त संस्कृत स्कूलों और कॉलेजों में 57 शिक्षकों को मानदेय प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दो पदों – अतिरिक्त परियोजना निदेशक (तकनीकी) और अधीक्षण अभियंता को भी मंजूरी दी गई। उत्तराखंड कैबिनेट ने वन भूमि लीज नवीकरण और नए लीज अनुमोदन के लिए नीति को भी मंजूरी दी। कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार अधीनस्थ सेवा नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, कैबिनेट ने हरिद्वार में 50 आईसीयू बेड वाले COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए समर्पित एक 600-बेड अस्पताल को भी मंजूरी दी है।
- अधिक जानकारी हेतु यहाँ क्लिक करें: http://uttarainformation.gov.in/press.php
- उत्तराखंड सरकार की अन्य सरकारी योजनाओं की पूरी सूची देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
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