Prime Minister Mission Indradhanush (Rainbow Campaign 2023) की पूरी जानकारी आपको इस पेज पर मिल जाएगी। प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष अभियान का शुभारंभ 25 दिसम्बर 2014 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया गया था। इस योजना को जे पी नड्डा द्वारा लॉन्च किया गया था। मिशन इंद्रधनुष का मुख्य उद्देश्य उन बच्चो को टीकाकरण करना हैं, जिन बच्चों को टीके नहीं लगे हैं और इस योजना को 2023 तक पूरा करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित करते हुए कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच इस योजना का दोबारा संबोधन किया। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन को लेकर बात की। इसके साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए चलाई जाने वाली इंद्रधनुष योजना का की तारीफ की।
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प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष 2023 अभियान
यह योजना इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करती है। परंतु इस योजना के तहत इंद्रधनुष के सात रंगों का मतलब उन रंगों यानी उन सात बीमारियों से है, जो की बच्चों में होने के खतरे रहते हैं। सन 2009 से 2013 के बीच के दौरान टीकाकरण 61 % से 65 % तक बढ़ा था। इसका मतलब यह हैं की पिछले सात वर्षो में सिर्फ प्रत्येक साल में 1 % की बढ़ोत्तरी हुए है।
इसके पश्चात हर वर्ष बढ़ती हुई जनसँख्या को देखते हुए यह बढ़ोतरी बहुत कम है और कुछ ऐसी बड़ी बीमारिया बच्चो की मौत का कारण बनी हुए हैं, जिसे की सिर्फ टीकारण द्वारा ही रोक जा सकता है। इस योजना को टीकारण के विकास की गति को बढ़ाने के लिए शुरुआत की गई है। Pradhan Mantri Mission Indradhanush Abhiyan को इन सात रोगों को टीकाकरण प्राप्त करने का अभियान है, जिनको की टीकाकरण द्वारा ही रोका जा सकता हैं और उन सात बीमारियों के नाम इस प्रकार हैं:
- काली खांसी
- खसरा
- पोलियो
- डिप्थीरिया
- हेपेटाइटिस बी
- टेटनस
- क्षय रोग
Mission Indradhanush kya hai, मिशन इंद्रधनुष योजना 2023, मिशन इंद्रधनुष किससे संबंधित है, मिशन इंद्रधनुष मराठी, मिशन इंद्रधनुष 3.0 क्या है आदि की जानकारी हम आपको नीचे इस लेख में बता रहें हैं। कृपया अंत तक बने रहें।
Prime Minister Rainbow Mission Campaign 2023
इंद्रधनुष मिशन अभियान के अंतर्गत हेमोफिलस इन्फ्लूएन्जा टाइप बी (HIB) व जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) को कुछ चुने गए राज्यो में भी टीके प्रदान किया गए हैं। प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष अभियान योजना को तीन कदमो के दौरान चलाया गया हैं। तीन कदमो की विस्तृत जानकारी, इस प्रकार हैं:
- Mission Indradhanush का पहला कदम में इंद्रधनुष योजना की शुरुआत 7 अप्रैल 2015 को हुए जिसके अंतराल यह एक हफ्ते से ज्याद चली।
- इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा पुरे भारत में 28 राज्यो के 201 जिलो में से ऐसे बच्चो की पहचान की गई जिनको की विशेष रूप से अनइममयनाइज्ड तथा इम्म्यूनाइज्ड हैं।
- मिशन इंद्रधनुष योजना के इस कदम को 4 भागों में बाटा गया था, जिसमें की पहले की शुरुआत 7 अप्रैल को हुई थी, इसके पश्चात दूसरा, तीसरा तथा चौथा भाग मई, जून, जुलाई की सात तारीख को इनकी शुरुआत की गई और जिन्हें की 1 – 1 सफ्ताह से अधिक समय के लिए आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री इंद्रधनुष मिशन योजना के पहले कदम से जुड़े मुख्य कार्य
- Prime Minister Rainbow Mission Yojana के तहत डायरिया जैसी बीमारियों से बचाने के लिए सभी बच्चों के लिए 16 लाख से भी ज्यादा ORS पैकेट्स और 57 लाख से भी ज्याद जिंक टेबलेट्स मुफ्त बांटी गई।
- इस योजना के तहत इन सभी चार भागों की सभा के आयोजन के लिए लगभग 9 लाख का खर्च हुआ।
- इंद्रधनुष मिशन योजना के अंतराल 20 लाख से भी ज़्यादा टेटनेस के टीके गर्भवती महिलाओं को लगाए गए तथा इसके पश्चात 75 लाख बच्चों को टीके लगाए गए जिसके अंतर्गत पूर्ण टीकाकरण 20 लाख बच्चो का किया गया।
Mission Indradhanush Yojana का दूसरा कदम
प्रधानमंत्री जी के Pradhan Mantri Indradhanush Abhiyan Yojana के दूसरे कदम को भी चार भागों में विभाजित किया गया जिसके की पहले भाग को 7 अक्टूबर 2015 को शुरू किया गया, दूसरे भाग को 7 नवम्बर 2015 को शुरू किया गया, तीसरे भाग को 7 दिसम्बर 2015 को शुरू किया गया और अंतिम और चौथे भाग को 7 जनवरी 2015 को शुरू किया गया। इस कदम के दौरान भारत सरकार द्वारा इस योजना के तहत देश भर में 352 जिलों को चुना गया जिसके अंतर्गत 279 मीडियम फोकस जिले हैं 73 बचे हुए जिले पहले कदम के हाई फोकस जिले हैं।
इंद्रधनुष मिशन योजना के दूसरे कदम से जुड़े कुछ मुख्य कार्य इस तरह हैं:
- इस योजना के दूसरे कदम के तहत उन सभी बच्चों को टीकाकरण करना है जो टीकाकरण से छूट गए हैं।
- इस योजना के तहत 9 लाख गर्भवती महिलाओ को टिटनस टॉकसाइड टीके लगाए गए हैं, और इस दौरान 37 लाख बच्चो का टीकाकरण किया गया हैं जिसमे से 10 लाख बच्चे वे थे जिन्हें सही ढंग से टीके नही लगे थे।
प्रधानमंत्री इंद्रधनुष मिशन के तीसरे कदम से जुड़े कुछ मुख्य कार्य
Mission Indradhanush के तीसरे कदम की घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तब की गयी थी जब पहले तथा दूसरे कदम को सफलता मिली। इस कदम को 7 अप्रैल 2016 को शुरू किया गया था। इस कदम द्वारा कई राज्यों के 216 जिलों को कवर किया गया था। इन राज्यों के नाम इस प्रकार हैं:
- उत्तर प्रदेश
- उत्तराखंड
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- असम
- बिहार
- पश्चिम बंगाल
- महाराष्ट्र
- अरुणाचल प्रदेश
Covered States under Mission Indradhanush
प्रधानमंत्री इंद्रधनुष मिशन अभियान योजना 2023 के तहत भारत देश के 28 राज्यों के कुल ज़िलों को 2 के अंतराल कवर किया गया हैं:
- PM Indradhanush Abhiyan Yojana के तहत पहले कदम के अंतराल 201 जिलों को कवर किया गया है।
- इंद्रधनुष मिशन अभियान योजना के दूसरे कदम के तहत 352 जिलो को कवर किया गया है।
प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष अभियान २०२३ के दिशा-निर्देश
Prime Minister Rainbow Mission Operations Guidelines – मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush 2023) के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सफल कार्यान्वयन के लिए अंतराष्ट्रीय रोटरी, UNICEF, WHO आदि से सहयोग लिया है।
- इस योजना के तहत प्लस पोलियो के सफल कार्यान्वयन के दौरान इस प्रक्रिया का प्रयोग किया गया है।
- प्रधानमंत्री जी के इस योजना के अंतर्गत टीकाकरण को बेहतर करने एवं तेजी से करने के लिए सभी जिलों को कवर किया गया। मिशन इंद्रधनुष योजना की अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर जाएँ:
यहाँ क्लिक करें => https://www.nhp.gov.in/
गर्भवती महिला योजना फॉर्म PDF Hindi Download
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू योजनाओं की सूची 2023-23 PDF In Hindi
मिशन इंद्रधनुष 2.0 बैंकिंग इन हिंदी
Mission Indradhanush 2023 का लक्ष्य दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी उपलब्ध वैक्सीनेशन सुनिश्चित करना है। सरकार ने देश के सभी राज्यों में 201 उच्च फोकस वाले जिलों की पहचान की है, जहां आंशिक रूप से प्रतिरक्षित और अप्रतिरक्षित बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। पहले पूर्ण टीकाकरण कवरेज में वृद्धि 1% प्रति वर्ष थी जो कि मिशन इंद्रधनुष के पहले दो चरणों के माध्यम से बढ़कर 6.7% प्रति वर्ष हो गई है।
अगस्त 2017 तक मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों का आयोजन किया गया है और 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। दिसंबर 2014 में शुरू किये गए मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत भारत का वैक्सीनेशन कवरेज लगभग 87% तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार है।
- योजना के तहत किन-किन क्षेत्रों को विशेष टीकाकरण के दौरान लक्ष्य बनाया हैं?
प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush) के तहत खास टीकाकरण मिशन के दौरान निम्न क्षेत्रों को लक्ष्य बनाया गया है। इस योजना के दौरान पोलियो निवारण के प्रोग्राम में हाई रिस्क वाले स्थानों को पहचान की गईl ऐसे स्थानों पर रहने वालो की आबादी इस प्रकार हैं:
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- सामान्य ढंग से टीकाकरण से छूटे हुए इलाके
- ब्रिक किल्नस
- दूर – दराज़ वाले इलाके जहाँ सेवाएं कम पहुँचती हैं
- खसरे जैसी बीमारियों वाले अधिकतर इलाके
- लगभग पुर्बास क्लब्ड, बस्तिया,छोटे गांव या धनिस जैसे इलाके जोकि टीकाकरण के लिए दूसरे गांव के साथ जोड़े जाते हैं
- माइग्रेशन के साथ अर्बन स्लम्स
- मछुआरों के नदी एवं गांव के इलाके आदि
- नोमड्स
- मिशन इंद्रधनुष योजना कब शुरू हुई?
कार्यक्रम को मजबूत और पुन: सक्रिय करने और तेज गति से सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार ने दिसंबर 2014 में “Mission Indradhanush” शुरू किया गया है। - मिशन इंद्रधनुष 2.0 क्या है?
Mission Indradhanush 2.0 को चार चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण दो दिसम्बर 2019, दूसरा चरण 6 जनवरी 2020 तीसरा चरण 3 फरवरी 2020, चौथा चरण 2 मार्च 2020 से शुरू हुआ। इस अभियान के तहत सरकार बच्चों के घर घर तक पहुंचेगी और वैक्सीन लगाई जाएगी।