झारखंड सरकार बाल विवाह को रोकने के लिए “मुखबिर योजना” (Informant Scheme) शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत, जो लोग अधिकारियों को बाल विवाह योजना के बारे में जानकारी देते हैं और सरकारी जासूस बनते है उन्हें 1000/- रुपये का नकद इनाम मिलेगा। इसके अलावा, एक साल में बाल विवाह के मामले में सभी गांव पंचायतों को 50,000/- रुपये मिलेगा।
Jharkhand Mukhbir Yojana 2023
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (Dept of Health and Family Welfare) ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य समाज से बाल विवाह के अभिशाप को खत्म करना है। उस बच्चे को आवश्यक परामर्श दिया जाएगा जिसका विवाह होने वाला था। सहियास द्वारा नाबालिग जोड़ों की ट्रैकिंग, पहचान और परामर्श किया जा सकता है। वे उन जोड़ों को उचित उम्र में शादी की आवश्यकता के बारे में समझायेंगे। सरकार सभी सहियास को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
झारखंड मुखबिर योजना (Jharkhand Mukhbir Yojana) के तहत बाल विवाह की रिपोर्ट कैसे करें?
मुखबिर योजना के दो महत्वपूर्ण प्रावधान हैं, जिन्हें केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है उनमें शामिल हैं:
(I) इनमे से पहला है, 1000/- रुपये का इनाम: – कोई भी व्यक्ति जो इस इनाम का लाभ उठाना चाहता है उसे बाल विवाह (Child Marriage) की घटना के बारे में हेल्पलाइन सेवा नंबर 104 को जानकारी प्रदान करनी होगी।
- इस योजना का लाभ व्यक्ति को तभी मिलेगा, जब वो विवाह होने से पहले ही इसकी जानकारी सम्बंधित अधिकारी को देगा।
- दी गई जानकारी सही पाई जानी चाहिए।
- अंत में, लोग 1000/- रुपये का नकद इनाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
(II) 50,000 रुपये का इनाम: – राज्य में किसी भी गांव पंचायत (Village Panchayat) जिसमें एक वर्ष की पूरी अवधि के लिए बाल विवाह के मामलों की कोई रिपोर्ट नहीं है, उसे 50,000/- रुपये मिलेगा।
- यह योजना व्यापक रूप से जागरूकता पैदा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि शिकायतों को समय-समय पर संबोधित किया जाए। हाल ही में मई 2018 में, राज्य सरकार ने बाल विवाह के मामलों का सामना करने के लिए एक नई टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर सेवा (104) लॉन्च की है। हेल्पलाइन सेवा से प्राप्त सभी रिपोर्ट सेल इन-चार्ज (Cell In-Charge) को भेजी जाती हैं और उन्हें तुरंत कार्रवाई के लिए अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया जाता है।
- अभी तक, इस हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) के माध्यम से रांची जिले से अधिकतम शिकायतों के साथ बाल विवाह के लिए 10 शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। भारत में, झारखंड अकेले बाल विवाह के कुल मामलों में से 38% रिपोर्ट करता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, गोड्डा जिले में 63.5% मामलों के साथ बाल विवाह के अधिकतम मामले शामिल हैं। इसके बाद गढ़वा और देवघर जिलों में क्रमश: 58.8% और 52.7% मामले हैं।